UP News: अग्निशमन विभाग में अफसरों की कमी, सुरक्षा प्रमाण पत्र अटके
लखनऊ अग्निशमन विभाग में पदोन्नति न होने से निदेशक संयुक्त निदेशक और उप निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद खाली हैं जिससे अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (फायर एनओसी) जारी करने में दिक्कतें आ रही हैं। बड़ी संख्या में आवेदन लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने विभाग को मजबूत करने के निर्देश दिए थे लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण नए नियमों के तहत एनओसी प्रक्रिया अटकी हुई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अग्निशमन विभाग में अधिकारियों की पदोन्नति न होने से निदेशक, संयुक्त निदेशक व उप निदेशक के पद रिक्त हैं, जिसका बड़ा प्रभाव बड़े प्रतिष्ठानों की आनलाइन अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (फायर एनओसी) पर पड़ रहा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के आवेदन लटके हैं।
फायर सर्विस में मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रोन्नति पाकर उप निदेशक, संयुक्त निदेशक व निदेशक बनते हैं। निदेशक का पद लगभग तीन वर्ष से खाली है। जबकि अग्निशमन मुख्यालय में तीन संयुक्त निदेशक के पद हैं, जो भी लंबे समय से रिक्त पड़े हैं।
इसके अलावा उप निदेशक के 10 पद हैं। इनमें केवल मुख्यालय में एक उप निदेशक की तैनात हैं। आठ जोन व प्रशिक्षण संस्थान में उप निदेशक के पद रिक्त हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार वर्ष 2019 से पदोन्नति न होने की वजह से यह समस्या बनी हुई है।
सितंबर 2022 में लखनऊ स्थित लेवाना होटल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के कड़े निर्देश दिए थे। साथ ही अग्निशमन विभाग को और मजबूत बनाने का निर्णय किया था।
साथ ही उप्र अग्निशमन सेवा को अग्निकांडों से बचाव के साथ-साथ बाढ़, भूकंप, भवन का ढहना, आण्विक व जैविक खतरों जैसी आपदाओं में बचाव कार्य के लिए वैधानिक व ढांचागत रूप से सुसज्जित व प्रशिक्षित किये जाने की कसरत शुुरू हुई थी।
बड़े व व्यवसायिक भवनाें में सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी करने में बड़ों की जिम्मेदारी भी तय की गई। 3पिछले वर्ष उप्र अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावलीव-2024 लागू की गई थी, जिसके तहत 45 मीटर से अधिक ऊंचाई के अपार्टमेंट, 24 मीटर से अधिक ऊंचाई के शैक्षणिक व व्यवसायिक भवनों, 30 मीटर से अधिक ऊंचाई के होटल, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई के संस्थागत भवनों, मल्टीलेवल पार्किंग व अन्य विशिष्ठि निर्माणों में सीएफओ से उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किए जाने की व्यवस्था है। नियमों के चलते फायर एनओसी जारी किए जाने की प्रक्रिया अटकी है।
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