लखनऊ में पार्थ अपार्टमेंट के फ्लैट में लगी आग, फंसे लोगों को बचाने में एफएसओ समेत चार लोग झुलसे
लखनऊ के दरोगा खेड़ा स्थित पार्थ रिपब्लिक सोसायटी में गोल्डन फिश टावर संख्या तीन की चौथी मंजिल पर बने फ्लैट नंबर 401 में गुरुवार को आग लग गई। आग की लपटों और धुएं के बीच फंसे प्रॉपर्टी डीलर ओम तिवारी को बचाने के दौरान चार दमकल कर्मी भी झुलस गए। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग को तीन गाड़ियों की मदद से तीन घंटे में बुझाया गया।
जागरण टीम, लखनऊ। दरोगा खेड़ा स्थित पार्थ रिपब्लिक सोसायटी में गोल्डन फिश टावर संख्या तीन की चौथी मंजिल पर बने फ्लैट नंबर 401 में गुरुवार को आग लग गई। लपट व धुएं के बीच फ्लैट में मौजूद प्रॉपर्टी डीलर ओम तिवारी फंस गए।
सूचना पर पहुंचे एफएसओ सरोजनीनगर सुमित समेत चार दमकल कर्मी ओम को बचाने में झुलस गए, जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, तीन गाड़ियों की मदद से तीन घंटे में आग पर काबू पा लिया।
यह है पूरी घटना
पुलिस ने बताया कि उन्नाव निवासी प्रॉपर्टी डीलर ओमवीर परिवार के साथ 15 मंजिला गोल्डन फिश टावर के चौथे तल पर रहते हैं। गुरुवार को ओमवीर अपने कमरे में सो रहे थे। उनकी पत्नी स्नेहा बेटे राघव, बेटी शालिनी और सास इंद्र कुमारी के साथ फ्लैट के बाहर गैलरी में बैठी थीं।
तभी स्नेहा को कमरे से धुआं और आग की लपटें उठती दिखाई पड़ीं। स्नेहा की चीखने की आवाज सुन ओमवीर की आंख खुल गई। मगर तब तक वह फंस चुके थे। किसी तरह से वह दूसरे कमरे में पहुंचे।
फायर सायरन बजने पर लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपार्टमेंट से बाहर आ गए। घटना की जानकारी दमकल कर्मियों को दी गई। घटनास्थल पर एफएसओ सरोजनी नगर तीन गाड़ियों व टीम के साथ् पहुंचे।
आग की विकरालता देखते हुए टीम दो भागों में बट गई। एक टीम हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के जरिये बाहर से आग बुझा रही थी। वहीं, दूसरी टीम अपार्टमेंट के अंदर से राहत कार्य करने लगी।
इस बीच एफएसओ सुमित जादौन को ओमवीर की चीखने की आवाज सुनाई दी। एफएसओ सुमति टीम के साथ किसी तरह से फ्लैट में दाखिल हुए और किसी तरह से ओमवीर को बाहर निकाला।
मगर, ओमवीर, एफएसओ, फायर मैन रंजीत, प्रमोद कुमार व दमकल वाहन चालक ब्रजेश कुमार जल गए। प्रमोद को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जबकि अन्य को निजी अस्पताल पहुंचाया गया।
इस मामले में सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। आग से बचाव के उपकरण नहीं थे, इसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा।
सुरक्षा उपकरण होते तो झुलसने से बच जाते ओम
फ्लैट में धुआं भरने के कारण दमकल कर्मियों को सांस लेने में काफी समस्या हुई। इस पर उन्होंने वीआर सेट पहन कर आग पर काबू पाना शुरू किया। डेढ़ घंटे बाद आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया।
घटना से ओमवीर की पूरी गृहस्थी जलकर राख हो गई। अपार्टमेंट में कोई आग से बचाव के उपकरण नहीं थी। अगर उपरकण होते तो दमकल कर्मी समय रहते आग पर काबू पा लेते। साथ ही कोई झुलसता भी नहीं।
यह लोग झुलसे
घटना के दौरान ओम को बचाने गए एफएसओ सुमित खुद झुलस गए। आग इतनी भीषण थी कि दमकल कर्मियों को फैले तेज धुएं में से सांस लेने में दिक्कतें होने लगी, जिससे फायर मैन रंजीत, प्रमोद कुमार और चालक ब्रजेश कुमार की हालत बिगड़ गई।
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