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    बिजली चोरों पर एफआइआर, फिर भी कार्रवाई नहीं

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 May 2018 09:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : बिजली चोरों एफआइआर दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई न होने से बिजल

    बिजली चोरों पर एफआइआर, फिर भी कार्रवाई नहीं

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : बिजली चोरों एफआइआर दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई न होने से बिजली चोरों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में पुराने लखनऊ में बिजली चोरी अभियान अपनी छाप नहीं छोड़ पा रहा है। नतीजतन नियमित रूप से हो रही चेकिंग में बिजली चोरों की संख्या बढ़ती जा रही है। तो वहीं थानों में मुकदमे की संख्या सैकड़ों में पहुंच गई। खास बात यह है कि बिजली चोरी करने वालों पर हल्की धाराओं का असर नहीं हो रहा है। पुलिस भी इन पर दबाव नहीं बना पा रही है।

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    चौक के शीशमहल में पांच मई को चेकिंग करने गए बिजली कर्मियों की स्थानीय लोगों ने पिटाई कर दी थी। उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए थे। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस की ढिलाई से बिजली चोर बेफिक्र हैं। बीते दिनों यही हल छितवापुर में भी हुआ था। एक राजनीतिक दल का झंडा लेकर बिजली कर्मियो से अभद्रता की गई थी। चेकिंग रुकवाते हुए प्रमुख मार्ग तक जाम कर दिया गया था। यहां बीस उपभोक्ताओं के यहां बिजली चोरी पकड़ी गई थी। थाने में तहरीर दी जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। पुलिस कर्मी कहते हैं कि धारा 135 के तहत उपभोक्ता का चालान भेज दिया जाता है फिर अधिकांश उपभोक्ताओं के वकील कोर्ट में केस लड़ते हैं, कोर्ट आदेश का पालन करके जुर्माना जमा कर देते हैं, ऐसे में पुलिस की भूमिका शून्य हो जाती है।

    पिछले बीस दिनों में अलग-अलग थानों में डेढ़ सौ से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज किए गए लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हुई। ऐसे में अभियान के दौरान नियमित रूप से बिजली चोर मिल रहे हैं। जबकि अभियान चलते हुए एक साल होने वाला है। बाक्स

    क्या कहती हैं धाराएं

    - धारा 135 : पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। शमन शुल्क जमा करवाने के लिए कह सकती है। शमन शुल्क जमा करने पर चालान कर सकती है। फिर कोर्ट का फैसला मान्य है।

    - धारा 135 ई : घरेलू से वाणिज्य उपयोग। सिर्फ जुर्माने का प्राविधान।

    - धारा 136 : आवंटित मीटर कही और लगाना, पोल, केबल व बिजली संपत्ति चोरी करनी। पुलिस को अधिकार है वह गिरफ्तार कर सकती है।

    - धारा 138 बी : बकाया होने के बाद भी कनेक्शन जोड़ लेना। असेसमेंट जमा करने के लिए कहना, विवेचना अधिकारी द्वारा आख्या न्यायालय में देने पर जुर्माना, अरेस्ट या दोनों सजा हो सकती हैं। वर्जन

    पांच मई को मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। जबकि चौक पुलिस ने कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इससे बिजली चोरों व बकाएदारों के हौसले बुलंद हैं।

    राम अवतार, अधिशासी अभियंता, चौक।