UP News: अब एक महीने में 50 बोरी खाद नहीं मिलेगी, किसानों के लिए बदला उर्वरक खरीद का नियम
उत्तर प्रदेश सरकार खरीफ सीजन में उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए उर्वरक क्रय की सीमा 35 बोरी प्रतिमाह करने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को सुझाव दिए हैं जिसमें पीओएस डिवाइस को लाइव जियो कोऑर्डिनेट से टैग करने और डीबीटी पोर्टल में सुधार करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।

दिलीप शर्मा, लखनऊ। खरीफ सीजन में उर्वरक की आपूर्ति को लेकर परेशान प्रदेश सरकार ने अब कालाबाजारी रोकने को व्यवस्था में तकनीकी व अन्य बदलाव करने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसके लिए केंद्रीय उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को सुझाव दिए हैं।
इसमें किसानों के लिए उर्वरक क्रय की सीमा 35 बोरी प्रतिमाह करने का सुझाव भी शामिल है, वर्तमान में सामान्य तौर पर प्रतिमाह 50 बोरी की सीमा मानी जाती है। इसके अलावा लाइव जियो कोआर्डिनेट से पीओएस (पोइंट आफ सेल) डिवाइस को टैग करने का सुझाव दिया गया है, जिससे मशीन केवल संबंधित उर्वरक केंद्र पर ही इस्तेमाल हो सके। मशीन का संचालन सुबह छह से रात आठ बजे तक ही करने के हिसाब से आइडी निर्धारित करने का भी अनुरोध किया गया है।
चालू खरीफ सीजन में उर्वरक की मांग पिछले सीजन के मुकाबले बढ़ी हुई। अब तक 19.30 लाख टन यूरिया, 3.98 लाख टन डीएपी और 1.73 लाख टन एनपीके का वितरण हाे चुका है और मांग कम नहीं हो रही है।
23 जून को कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दिल्ली में केंद्रीय उर्वरक मंत्री जेपी से मुलाकात तक समय पर्याप्त आपूर्ति का अनुरोध किया था। साथ ही वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता को सुझाव भी सौंपे थे। इनमें कहा गया है कि डीबीटी पोर्टल में बार-बार उर्वरक लेने वाले का नाम, पता व मोबाइल नंबर प्रदर्शित किए जाने का विकल्प उपलब्ध कराया जाए, जिससे संदेह होने पर वास्तविक स्थिति जानी जा सके।
डीबीटी पोर्टल फार्मर सेल की तरह राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों, राजकीय बागवानी एवं राजकीय गन्ना प्रक्षेत्र के लिए भी सेल फार गवर्नमेंट एग्रीकल्चर फार्म का विकल्प दिया जाए। उर्वरक प्रतिष्ठानों के लाइव जीओ कोआर्डिनेट लेटीट्यूट और लोंगीट्यूट के आधार पर पीओएस सेल डिवाइस से टैग होने से निर्धारित सीमा के बाहर उर्वरकों के सेल पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।
पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक के समय यह अभिलेख प्रदर्शित हो कि संबंधित किसान द्वारा माह में किन विक्रेताओं से कितनी मात्रा में उर्वरकों का किया गया है।
कृषि मंत्री द्वारा दिए गए सुझावों में कहा है कि उर्वरकों की खरीद की मानिटरिंग में एक से अधिक क्रेताओं के नाम में समानता होने के कारण संदिग्धता का पता करने में कठिनाई आती है, इसके लिए पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक के समय क्रेता की ऐसी यूनिक आइडी जनरेट होने की व्यवस्था की जाए, जिससे रिटेलरवार-क्रेतावार पीओएस सेल का विवरण निकालते समय नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ यूनिक आइडी भी प्रदर्शित हो।
वाहनों पर जीपीएस की होगी अनिवार्यता
सुझावों में प्रदेश में प्लांट से सड़क द्वारा प्राइमरी उर्वरक मूवमेंट, रेलवे रैक प्वाइन्टस से जनपदों तक सेकेंड्री उर्वरक मूवमेंट वाले ट्रकों पर जीपीएस ट्रैकिंग की व्यवस्था की अनिवार्यता लागू कराने का भी अनुरोध किया गया है। इससे उर्वरकों के अवैध मूवमेंट पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
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