Kisan Samman Nidhi पाने वाले सभी किसानों का UP में अब तक नहीं बना क्रेडिट कार्ड, ऐसे करें आवेदन
Kisan Credit Card उत्तर प्रदेश में 2.55 करोड़ किसानों को सम्मान निधि मिल रही है जबकि किसान क्रेडिट कार्ड 1.72 करोड़ के ही बने हैं। कार्ड बनाने के निर्देश जरूर दिए गए हैं लेकिन बैंक इसमें आनाकानी कर रहे हैं।

UP News: लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए बैंकों से क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) दिलाने की योजना संचालित है, ताकि उन्हें खेती कार्य के लिए आसानी से सस्ती दरों पर ऋण मिल जाए। हर वर्ष किसान क्रेडिट कार्ड बनाने का लक्ष्य भी तय होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में जरूरतमंद लाखों किसानों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) पाने वाले सभी किसानों का अब तक क्रेडिट कार्ड नहीं बनाया जा सका है।
खरीफ के सीजन में इस बार अपेक्षित वर्षा नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश भर में कुल वर्षा का आंकड़ा 50 प्रतिशत से कम है। करीब दो दर्जन जिलों में 40 प्रतिशत भी वर्षा नहीं हो सकी है। कृषि विभाग सूखे का आंकलन करने में जुटा है। सभी जिलों से वर्षा को देखते हुए सूखे के हालात पर रिपोर्ट मांगी गई है।
जिन किसानों ने जैसे तैसे धान की रोपाई या अन्य फसलों की बोवाई कर ली है उन्हें फसल बचाने के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। इसके लिए किसनों धन की जरूरत है। ऐसे में किसान क्रेडिट कार्ड की कमी सभी को खल रही है।
33 प्रतिशत किसानों को ही कार्ड
पिछले वर्ष तक उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 51 लाख 84 हजार 252 किसानों के ही क्रेडिट कार्ड बने थे। इस वर्ष 65 लाख 21 हजार 802 किसानों का क्रेडिट कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य है उनमें से 31 जुलाई तक 21 लाख 79 हजार 363 किसानों के ही यानी करीब 33 प्रतिशत को ही कार्ड हासिल हो सका है।
बैंक कार्ड बनाने में कर रहे आनाकानी
अधिकांश किसान बैंकों के चक्कर काट रहे हैं, अधिकारी उन्हें औपचारिकता पूरी करने के नाम पर दौड़ा रहे हैं। छोटे व लघु किसानों को क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश जरूर दिए गए हैं लेकिन, बैंक इसमें आनाकानी कर रहे हैं। कृषि विभाग के निदेशक बीमा राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बैंकों को तेजी से क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड ऐसे बनेगा
आधार कार्ड, पैन कार्ड व कृषि भूमि के दस्तावेज जैसे खसरा, खतौनी व हिस्सा प्रमाणपत्र लेकर बैंक जाएं या आनलाइन आवेदन करने पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाया जाता है। 30 हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक का ऋण आसानी से मिल जाता है। सात प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण दिया जाता है यदि तय समय पर धन की अदायगी होती है तो ब्याज सिर्फ चार प्रतिशत ही लगता है।
लखनऊ व आसपास के जिले सबसे आगे
इस वर्ष किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में लखनऊ व आसपास के जिले उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी आदि जिलों में 2,69,23 कार्ड बने हैं। बस्ती, संतकबीर नगर व सिद्धार्थनगर दूसरे नंबर है यहां 2,26059 दूसरे नंबर पर व फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर नगर व कानपुर देहात तीसरे स्थान पर है। सबसे कम क्रेडिट कार्ड सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली जिले में 32953 बने हैं। पूरब में आजमगढ़, मऊ व बलिया में 41343 कार्ड बन सके हैं।
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