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    यूपी के किसानों ने सीख लिया मालामाल होने का नया तरीका, विशेषज्ञों ने क्यों कहा कि चूल्हे पर खाना बनाना जरूरी?

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 07:32 AM (IST)

    लखनऊ में ग्रामीण और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक चौपाल का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को पर्यटन से आय बढ़ाने के तरीके सिखाए गए। विशेषज्ञों ने पारंपरिक चूल्हे पर बने खाने के महत्व और धार्मिक स्थलों की सफाई पर जोर दिया। किसानों को होम स्टे को बेहतर बनाने और स्थानीय उत्पादों को पर्यटकों को बेचने के लिए प्रेरित किया गया।

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    लखनऊ में लगी चौपाल, पर्यटन से ग्रामीण होंगे मालामाल

    मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। लखनऊ के गोमती नगर में लगी ग्रामीण व कृषि पर्यटन की पहली चौपाल में किसानों ने पर्यटन से मालामाल होने का तरीका सीखा। चौपाल में शामिल अधिकतर ग्रामीणों ने पर्यटकों के लिए पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाने को बड़ी चुनौती बताया।

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    कहा कि अब गैस चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है इसलिए महिलाएं पारंपरिक चूल्हे पर लकड़ी व कंडों से खाना नहीं बनाती हैं। इस पर विशेषज्ञों ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमें पर्यटकों को पारंपरिक तरीके से बने खाने का स्वाद परोसना होगा।

    भारत में ग्रामीण व कृषि पर्यटन के जनक महाराष्ट्र के पांडुरंग तावरे ने किसानों को बताया कि गांव में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सबसे पहले यह देखना होगा कि अगर आपके गांव में कोई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है तो उसकी पूरी साफ-सफाई कर उसका प्रचार करें। गांव में एक पर्यटक सूचना केंद्र बनाएं।

    गांव आने पर पर्यटकों का स्वागत करें। उन्हें कोई उपहार भेंट करें। गांव का भ्रमण कराने से पहले पर्यटकों को गांव पर बनी फिल्म दिखाएं। पर्यटकों को प्रेरित करें कि वे खुद खेतों से सब्जियों को तोड़ें। बच्चों को मिट्टी में खेलने का मौका दें। गांव के शिल्पकारों के घर लेकर जाएं। पर्यटक आपके गांव में तैयार होने वाले उत्पादों को जरूर खरीदेंगे।

    उन्होंने बताया कि पर्यटकों के होम स्टे पूरी तरह से साफ होना चाहिए। महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले अचार, मसाले व अन्य उत्पादों को तैयार करते हुए दिखाएं। पर्यटकों को अपना ग्राहक बनाएं। गांव में कोई झील या तालाब है तो उसे साफ करके पर्यटकों के लिए सैर करने के स्थल के रूप में बदलें।

    पर्यटन विभाग की विशेष सचिव ईशा प्रिया के निर्देशन में लगी इस चौपाल के बाद ग्रामीणों को चंद्रिका देवी मंदिर और उसके पास बने चन्द्र कांता फार्म सहित कई फार्मों का भ्रमण कराया गया। बाराबंकी में पदमश्री राम सरन वर्मा के फार्म का भी भ्रमण कराया गया। उन्होंने किसानों को कृषि पर्यटन से आय का स्रोत बढ़ाने की जानकारी दी।