'क्या पता था बेटे को आखिरी बार देख रही हूं', लखनऊ हादसे में 4 की मौत के बाद अपनों ने बयां किया दर्द
अनौरा गांव के सामने नशे में धुत ट्रक चालक ने दो वाहनों में टक्कर मार दी थी। यह घटना गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे हुई जब तेज रफ्तार में ट्रक ने ओवरटेक किया। ट्रक की टक्कर इतनी तेज थी कि इनोवा और ओमिनी कार में सवार 13 लोगों में से चार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि शेष नौ को गंभीर चोंटे आई हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। किसान पथ पर अयोध्या रोड के पास अनौरा गांव के सामने नशे में धुत ट्रक चालक ने दो वाहनों में टक्कर मार दी थी। यह घटना गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे हुई, जब तेज रफ्तार में ट्रक ने ओवरटेक किया। ट्रक की टक्कर इतनी तेज थी कि इनोवा और ओमिनी कार में सवार 13 लोगों में से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि शेष नौ को गंभीर चोंटे आई हैं।
बताया जा रहा है कि हादसे में ओमिनी पूरी तरह से पिचक गई। मृतकों में तीन लखनऊ और एक मुज्जफरनगर के रहने वाले थे। मृतकों में मां बेटे भी थे। मौके पर पहुंची पुुलिस और दमकल की गाड़ियों ने ओमिनी में फंसे लोगों को जैसे तैसे बाहर निकाला। इसके लिए कटर की मदद लेनी पड़ी। इनोवा में सवार घायलों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पकड़ा गया ट्रक चालक
हालांकि मौके से ट्रक चालक को पकड़ लिया गया है, जिसका नाम सुशील है और वह कन्नौज का रहने वाला है। इनोवा में सवार सभी लोग कव्वाली करके बिहार पुर्नियां स्थित बालू अड्डा गए थे और सुबह पांच बजे बिहार से निकले थे और लखनऊ पहुंचने पर गुरुवार साढ़े सात बजे दुर्घटना का शिकार हो गए।
डॉक्टर काे दिखाकर लौट रहे थे
इनोवा में बैठे तबला वादक और मुज्जफरनगर निवासी शहजाद की मौत हो गई, जबकि शेष लोग घायल हो गए। वहीं ओमिनी सवार देवा रोड खंडक निवासी किरण यादव और बेटा कुंदन और साथी हिमांशु की मौत हो गई, जबकि एक अन्य साथी लाले यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। यह लोग किरन यादव को मल्हौर स्थित निजी चिकित्सालय से दिखा कर वापस लौट रहे थे।
इन्होंने किया मुआयना
मौके पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह, एडीसीपी पूर्वी पंकज समेत अन्य पुलिस अधिकारी ने पहुंच कर जायजा लिया था। पुलिस को राहत व बचाव कार्य में करीब दो घंटे लग गए थे। डीसीपी ने बताया कि ट्रक किसान पथ से देवा रोड की तरफ जा रहा था। चालक ने काफी शराब पी रखी थी और अनौरा गांव के सामने ओवरटेक करने से दोनों वाहन चपेट में आ गए। उन्होंने बताया कि सभी को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां चार को मृत घोषित कर दिया गया।
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ये है वाहनों का पता नंबर
- ट्रक सं. एचआर 38डब्लू 1932
- इनोवा कार सं. यूपी 14एसी 0786
- वैन सं. यूपी 32केएन 1502
घायलों का नाम व पता
- राजन पुत्र इस्तियाक निवासी तिलहर थाना तिहलर जनपद शाहजहांपुर
- तसलीम हुसैन पुत्र सराफत हुसैन निवासी मोतीकार शाही ग्रामीण जनपद बरेली उम्र 30 वर्ष
- लाले यादव पुत्र बन्दू लाल निवासी खड़क देवा रोड़ थाना चिनहट लखनऊ उम्र 18 वर्ष
- इन्तजार पुत्र वजीर निवासी भट्टपुरा थाना कैपरिक जनपद रामपुर
- सुशील पुत्र वीरेन्द्र सिंह निवासी थाना विष्णुगंज जनपद कन्नौज
- शाहरुख पुत्र रियाजुल निवासी जोया जनपद अमरोहा
- शकील अहमद पुत्र सादिद अहमद निवासी बिचौला थाना नवावगंज जनपद बरेली
मृतकों का नाम व पता
- शहजाद निवासी मुज्जफरनगर
- किरण यादव पत्नी लालता प्रसाद निवासी खंडक देवा रोड थाना चिनहट लखनऊ उम्र करीब 38 वर्ष
- कुन्दन पुत्र लालता प्रसाद निवासी खंडक देवा रोड थाना चिनहट लखनऊ
- हिमांशु पुत्र बजरंग यादव निवासी खंडक देवा रोड थाना चिनहट लखनऊ
गांव में पसरा मातम
लखनऊ: किसान पथ पर गुरुवार शाम हुए सड़क हादसे में खंडक गांव निवासी मां-बेटे समेत तीन लोगों की मौत की खबर फैलते ही मातम पसर गया। हर कोई परिवार को हिम्मत देने के लिए लोहिया अस्पताल पहुंचने लगा। उधर, इसी हादसे में जान गंवाने वाले शहजाद की मौत के बाद उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए।
मृतका को थी बीपी की समस्या
पुलिस ने सभी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया है। पुलिस ने बताया कि मृतका किरण यादव को बीपी की समस्या थी। गुरुवार रात को बेटे कुंदन से डॉक्टर को दिखाने के लिए कहा। इस पर मृत कुंदन ने दो दोस्त मृत हिमांशू और घायल लाले से साथ चलने के लिए कहा।
जल्दी पहुंचने को चुना था किसान पथ
इसके बाद कुंदन ने ओमिनी वैन निकाली और मल्हौर स्थित निजी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाकर घर ला रहे थे। जल्दी घर पहुंचने के लिए उन्होंने किसान पथ का रास्ता चुना था। परिवारीजन ने कहा कि किसी को नहीं पता था कि एक पल में मां-बेटे दोनों की मौत हो जाएगी। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
अनाथ हो गए दोनों बच्चे
उधर, बंदायूं निवासी तस्नीम ने बताया कि मृत शहजाद उनके ग्रुप के सबसे बेहतरीन तबला वादक थे। गाड़ी में बैठा कोई व्यक्ति कुछ समझ ही नहीं पाया, जबकि चालक आरिफ अपनी लेन में ही चला रहे थे। शहजाद अपने दोनों बच्चों का इकलौता सहारा था। उनकी मौत के बाद दोनों बच्चे अनाथ हो गए। क्योंकि एक वर्ष पहले ही मृत शहजाद की पत्नी की मौत हुई थी। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला और शो करने के लिए तैयार हुए थे।
हाइस्कूल पेपर की कर रहा था तैयारी
बताया जा रहा है कि मृतक हिमांशु हाईस्कूल में पढ़ाई कर रहा था। पेपर आने वाले हैं तो परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पड़ोस में रहने वाले कुंदन ने बुलाया तो उसके कहने पर चला गया था। घरवालों का कहना है कि क्या पता था कि वह अब नहीं लौटेगा। अगर पता होता तो न जाने देते।
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