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    लखनऊ में फर्जी नारकोटिक्स अधिकारी गिरफ्तार, डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह का बड़ा जालसाज

    By Ayushman Pandey Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 06:58 PM (IST)

    Fake Narcotics Officer Arrested: एएसपी ने बताया कि आरोपित प्रदीप सोनी मूल रूप से मध्य प्रदेश के विदिशा का निवासी है। जांच में सामने आया था कि डाक्टर ब ...और पढ़ें

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    जालसाज प्रदीप सोनी

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: पुलिस, नारकोटिक्स और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक और जालसाज प्रदीप सोनी को पलासियो माल के पास से गिरफ्तार किया।

    अपर पुलिस अधीक्षक(एएसपी) विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि जालसाज के पास से दो मोबाइल फोन, ब्लैंक चेक, एटीएम कार्ड, बैंक अकाउंट से जुड़े कई स्क्रीनशाट और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। उसी की मदद से जालसाजों की तलाश की जा रही है।

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    एएसपी ने बताया कि आरोपित प्रदीप सोनी मूल रूप से मध्य प्रदेश के विदिशा का निवासी है। जांच में सामने आया था कि डाक्टर बीएन सिंह से रकम ऐंठकर 420 ट्रांजैक्शन किए गए थे। 11 लेयर तक विभिन्न बैंक खातों में रकम घुमाई गई थी।

    इसके बाद टीम ने इसकी मदद से जुलाई 2025 में इस गिरोह के दो जालसाजों मो. इकबाल और शाइन इकबाल को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब प्रदीप सोनी की गिरफ्तारी से गिरोह का वित्तीय नेटवर्क और भी स्पष्ट हुआ है।

    पूछताछ में प्रदीप ने स्वीकार किया कि रोजगार छूटने के बाद वह जल्दी पैसा कमाने के लालच में गिरोह से जुड़ा। वह बैंक खातों की किट, एटीएम कार्ड, सिम व इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी इकट्ठा कर रोहित उर्फ बिट्टू तक पहुंचाता था।

    गिरोह डिजिटल अरेस्ट, आनलाइन गेमिंग फ्राड, शेयर ट्रेडिंग और होटल रेटिंग फ्राड में भी शामिल है। एसटीएफ अब गिरोह के टेक्निकल सदस्यों, क्रिप्टो वालेट, बैंक खातों और अन्य ठिकानों की तलाश में जुटी है। बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। आरोपित को साइबर क्राइम थाना लखनऊ में दर्ज मामले में विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेज दिया गया है।

    यह था मामला: बीती छह अप्रैल 2025 को डॉक्टर बीएन सिंह को एक व्यक्ति ने खुद को ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए फोन किया था। उसने दावा किया कि उनके नाम से एक अवैध पार्सल पकड़ा गया है। इसके बाद तथाकथित जांच अधिकारी मोहनदास बनकर एक व्यक्ति ने वाट्सएप वीडियो काल पर पुलिस वर्दी में आकर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी।

    लगातार तीन दिनों तक वीडियो काल पर दबाव बनाकर उनसे कहा गया कि जांच पूरी होने तक वे 95 लाख रुपये एक ‘आरबीआइ निर्देश’ वाले फर्जी पत्र के आधार पर बताए गए खाते में जमा करें। डर और धमकी के बीच डाक्टर ने 95 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर कर दिए।