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    Fake Medicine Racket: लखनऊ से भी कई जिलों में थी नकली दवाओं की सप्लाई, संदिग्धों पर कसा जा रहा शिकंजा

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:59 AM (IST)

    आगरा में पकड़ी गई नकली दवा के कारोबार का केंद्र लखनऊ रहा। एसटीएफ ने जांच बढ़ाते हुए लखनऊ के दो दवा कारोबारियों समेत कई संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है। खुफिया एजेंसियां और सीबीआई भी मामले की छानबीन कर रही हैं। नकली दवाओं की सप्लाई लखनऊ से मुजफ्फरनगर बरेली मुरादाबाद अलीगढ़ और गाजियाबाद तक हो रही थी।

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    लखनऊ से भी कई जिलों में थी नकली दवाओं की सप्लाई

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आगरा में पकड़े गए नकली दवा के कारोबार का बड़ा केंद्र लखनऊ रहा है। लखनऊ से कई जिलों में नकली दवा की सप्लाई की जा रही थी। एसटीएफ व औषधि विभाग ने इस सिंडीकेट को लेकर अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है।

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    लखनऊ के दो दवा कारोबारियाें समेत कई संदिग्धों की तलाश भी तेज की गई है। सूत्रों का कहना है कि खुफिया एजेंसियों व सीबीआइ ने भी इस मामले में छानबीन शुरू की है। सिंडीकेट में कई ट्रांसपोर्टर की भी सक्रिय भूमिका रही है। इसे लेकर भी अलग-अलग शहरों में छानबीन की जा रही है।

    आगरा में बीते दिनों पकड़ी गई नकली दवा की सप्लाई लखनऊ की दो फर्माें न्यू बाबा फार्मा व पार्वती ट्रेडर्स को होनी थी। जिनका संचालक विक्की कुमार व उसका भाई सुभाष कुमार करते हैं। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है।

    सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आया है कि पुड्डुचेरी से सप्लाई की जा रही नकली दवाओं की सप्लाई आगरा के रास्ते लखनऊ के अलावा मुजफ्फरनगर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ व गाजियाबाद में की जा रही थी।

    लखनऊ से भी नकली दवाओं को कई जिलों में सप्लाई किया जाता था। आशंका है कि लखनऊ में इस सिंडीकेट से तीन-चार अन्य दवा फर्म संचालक भी जुड़े थे। विक्की व उसके भाई के पकड़े जाने पर इस सिंडीकेट से जुड़े अन्य चेहरे बेनकाब होंगे।

    सेंट्रल ब्यूरो आफ नारकोटिक्स (सीबीएन) ने भी बीते दिनों लखनऊ में नकली दवाओं व कोडिन सिरप की अवैध सप्लाई का मामला पकड़ा था। भारी मात्रा में दवाएं व सिरप बरामद किए गए थे। इस मामले में पकड़े गए आरोपित रौशन लाल के बयानों का हवाला देकर सीबीएन के निरीक्षक देवा नर्सिंग होम के संचालक गयासुद्दीन अहमद को धमका रहे थे।

    सीबीआइ ने 10 लाख रुपये की घूसखोरी सीबीएन के तीन निरीक्षकों समेत अन्य को गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि रौशन लाल भी नकली दवा कारोबारियों के सिंडीकेट का ही हिस्सा था। इसे लेकर भी आगे की छानबीन की जाएगी।