फर्जी आइएएस विवेक ने गवाहों को फंसाने के लिए उनको भी बताया जालसाज, विरोधाभासी बयानों से जांच उलझी
फर्जी आईएएस विवेक मिश्रा ने पूछताछ में विरोधाभासी बयान दिए, जिससे जांच उलझ गई। उसने अपने गिरोह में शामिल दस लोगों के नाम लिए, जिनमें शिकायतकर्ता भी शामिल थे। सीबीसीआइडी ने जांच रिपोर्ट तैयार कर उसे जेल भेज दिया है और अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। विवेक पर 150 से अधिक लोगों से 80 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। फर्जी आइएएस विवेक ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में गिरोह में शामिल जिन दस लोगों के नाम लिए हैं, उनमें से चार लोगों ने खुद इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। विवेक हर अधिकारी को अलग-अलग बयान दे रहा है। ऐसे में विवेचक ने विवेक की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है और शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया गया। अन्य आरोपितों की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है।
सीआइडी के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि विवेक को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह बीते दस वर्षों से सक्रिय है। उसके साथ दस लोग हैं, जिनमें मुकदमा दर्ज कराने वाले पीड़ित भी शामिल हैं, जैसे कि डा. आशुतोष और अन्य। हालांकि, जब दूसरे अधिकारी ने उससे बयान दर्ज किए, तो उसने कहा कि डाक्टर भी उसके साथ शामिल है, लेकिन वर्ष 2020 के बाद से डा. के संपर्क में नहीं आया।
इसके बाद जब पूछताछ के लिए दूसरे अधिकारी गए, तो वह तीसरी कहानी सुनाने लगा। इस तरह वह हर बार पूछताछ में कहानी बदल रहा था। इंस्पेक्टर ने कहा कि इससे यह साफ हो गया कि वह पूरी साजिश के तहत बयान दे रहा है और उसे पता है कि विवेचना को कैसे उलझाना है।
ऐसे में सभी के बयानों को सम्मिलित कर जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। उसके बताए गए नामों को देखते हुए अलग-अलग टीम बनाकर बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में दबिश दी जाएगी। यदि बताए गए नामों में किसी के खिलाफ भी साक्ष्य मिलते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सभी पीड़ितों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए जाएंगे
इंस्पेक्टर ने बताया कि डाक्टर आशुतोष ने 150 लोगों से ठगी कर 80 करोड़ रुपये ठगने की बात कही है। ऐसे में कुछ पीड़ित तो सामने आए हैं, लेकिन अन्य लोगों की बात की पुष्टि नहीं हो रही है। उनसे संपर्क करने के लिए टीम के साथ आशुतोष से अन्य लोगों से जानकारी जुटाई जाएगी। ताकि सभी के साक्ष्य जांच में शामिल किए जा सके।
यह था मामला
गुजरात कैडर का आइएएस और आइपीएस बताकर 150 से अधिक लोगों से 80 करोड़ की ठगी करने वाले मास्टरमाइंड डाक्टर विवेक मिश्रा को कमता तिराहे के पास से चिनहट और सीआइडी की संयुक्त टीम ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में फैला है।
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