मुलायम सिंह की राह पर चले अखिलेश यादव, 13 वर्ष बाद संभाला यह पद; पूर्व सीएम बना नेता प्रतिपक्ष
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। वह मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं। 26 मार्च को वे सपा विधानमंडल दल के सर्वसम्मति से नेता चुने गए। इसके बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। सोमवार को उन्होंने विधायक की शपथ भी ले ली।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नेता विरोधी दल की कुर्सी खुद संभाल ली है। अखिलेश 44वें नेता विरोधी दल बने हैं। सोमवार को विधायक की शपथ लेने के साथ ही प्रदेश में करीब 13 साल बाद कोई पूर्व मुख्यमंत्री नेता विरोधी दल बना है। इससे पहले मुलायम सिंह यादव वर्ष 2007 से वर्ष 2009 तक नेता विरोधी दल रहे हैं।
अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। वह मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं। उन्होंने पिछले दिनों आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। 26 मार्च को वे सपा विधानमंडल दल के सर्वसम्मति से नेता चुने गए। इसके बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। सोमवार को उन्होंने विधायक की शपथ भी ले ली।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव वर्ष 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद जब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो अखिलेश ने केंद्र की राजनीति पर फोकस बढ़ा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से सांसद बन गए। यह पहला मौका है जब उन्होंने केंद्र के बजाय प्रदेश की राजनीति को तवज्जो दी। उन्होंने जनादेश को स्वीकार करते हुए नेता प्रतिपक्ष बनकर विपक्ष में बैठने का निर्णय लिया।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में पांच पूर्व मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो बाद में नेता प्रतिपक्ष बने। इनमें चंद्रभानु गुप्त, चरण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह व मुलायम सिंह यादव शामिल हैं। चंद्रभानु गुप्त दो अप्रैल से 1967 से 15 अप्रैल 1968 तक नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। इससे पहले वे मुख्यमंत्री थे। चरण सिंह भी मुख्यमंत्री बनने के बाद 17 मार्च 1974 से लेकर 30 मई 1977 तक नेता विरोधी दल रहे।
नारायण दत्त तिवारी का कार्यकाल देखा जाए तो वे भी मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठे। तीन नेता प्रतिपक्ष बने नारायण दत्त तिवारी आखिरी बार दिसंबर 1989 से अप्रैल 1991 तक इस कुर्सी पर रहे। कल्याण सिंह भी जुलाई 1993 से जून 1995 तक नेता विरोधी दल रहे।
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