यूपी में 2204 स्कूलों को दिया जाएगा टैबलेट, 62 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि देने को मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश के 2204 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में प्रत्येक प्रधानाचार्य को एक टैबलेट दिया जाएगा। 62 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि सरकार वहन करेगी। इससे ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और योजनाओं की त्वरित समीक्षा हो सकेगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग नए एप विकसित करेगा और विद्या समीक्षा केंद्र से निगरानी बढ़ाई जाएगी। सरकार ने कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में प्रत्येक राजकीय माध्यमिक स्कूल को एक-एक टैबलेट दिया जाएगा। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों की तर्ज पर इन विद्यालयों में भी आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं योजनाओं की आनलाइन माध्यम से त्वरित समीक्षा भी की जा सकेगी।
सभी 2,204 राजकीय माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्य इसका उपयोग करेंगे। टैबलेट खरीदने के लिए कम पड़ रही करीब 62 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार वहन करेगी। कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
आनलाइन शिक्षा को दिया जाएगा बढ़ावा
राजकीय माध्यमिक स्कूलों में अब इसकी मदद से आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग इसके लिए अलग-अलग एप तैयार करेगा और उसके माध्यम से रोचक ढंग से पढ़ाई कराएगा। वहीं विद्या समीक्षा केंद्र की मदद से आनलाइन निगरानी बढ़ाई जाएगी।
विभाग के अधिकारी आनलाइन माध्यम से प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर सकेंगे और योजनाओं की प्रगति की आसानी से समीक्षा की जाएगी। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को समग्र शिक्षा के तहत कार्यदायी संस्था यूपी डेस्को के माध्यम से 10-10 हजार रुपये का एक टैबलेट खरीदने की स्वीकृति दी गई थी लेकिन टेंडर के बाद धनराशि बढ़ गई।
करीब 12,600 रुपये की दर से एक टैबलेट खरीदने के लिए कुल 2,77,70,400 रुपये की धनराशि खर्च होगी। ऐसे में 62 लाख रुपये कम पड़ रहे थे। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार से इस अतिरिक्त धनराशि की मांग की जिसे मंजूर कर दिया गया।
निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले को आए 82,684 फार्म हुए रद
निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी व कक्षा एक में मुफ्त दाखिले के लिए आए 3,34,953 आवेदन फार्म में से 82,684 फार्म रद हो गए। यानी चार चरणों में प्रवेश के लिए आए फार्म में से 25 प्रतिशत फार्म निरस्त हो गए। यह हाल तब है, जबकि जिलों में आनलाइन आवेदन फार्म भरवाने में अभिभावकों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई थी।

स्कूल में पढ़ते बच्चे- प्रतीकात्मक तस्वीर
अब जिलों में निरस्त हुए फार्म की जांच की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से प्रत्येक जिले में आरटीई के माध्यम से हुए मुफ्त दाखिले की सूची तैयार की जा रही है।
सीटों के मुकाबले आए आवेदन फार्म और निरस्त हुए आवेदन फार्म की अब जांच होगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाकर फार्म भरवाने और आरटीई के तहत अधिक से अधिक गरीब परिवार के बच्चों के प्रवेश कराने के निर्देश दिए गए थे।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में कुल 6,03,065 सीटों के मुकाबले 3,34,953 फार्म आए और इसमें से 2,52,269 आवेदन फार्म स्वीकार किए गए ।वहीं इसमें से 1,85,675 बच्चों को सीटें आवंटित की गईं। हलांकि पिछले साल 1,65,544 बच्चों के ही दाखिले हुए थे। ऐसे में इस बार यह आंकड़ा बढ़ा है लेकिन बड़ी संख्या में निरस्त हुए फार्म की अब जांच शुरू होगी। आरटीई के तहत 4,17,390 सीटें इस बार खाली रह गई हैं।

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