यूपी में ई-सुश्रुत एप पर 2.5 करोड़ से अधिक रोगियों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन, इलाज के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लाइन
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ई-सुश्रुत ऐप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ऐप के माध्यम से 2.5 करोड़ से अधिक रोगियों का डि ...और पढ़ें

ई-सुश्रुत एप पर 2.5 करोड़ से अधिक रोगियों का डिजिटल पंजीकरण।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वर्ष 2022 से चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय और सेंटर फार डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडैक) के बीच हुए एमओयू के तहत 22 मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस), ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर पर कार्य शुरू हुआ था।
वर्तमान में ई-सुश्रुत से 2.5 करोड़ से अधिक रोगियों का डिजिटल पंजीकरण किया जा चुका है। इससे रोगियों को लंबी लाइन लगाकर इलाज के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ता है। उनकी बीमारी का रिकार्ड भी ऑनलाइन मौजूद रहता है।
सरकार के अनुसार ई-सुश्रुत एप से अब तक नौ लाख से अधिक रोगियों को भर्ती किया जा चुका है। ओपीडी रोगियों के लिए भी 26 लाख से अधिक ऑनलाइन पर्चे (ई-प्रिस्क्रिप्शन) जारी हो चुके हैं। दो लाख से अधिक मरीजों को छुट्टी देने (ई-डिस्चार्ज) की रिपोर्ट भी तैयार की गई हैं।
इसके अलावा इलाज के रिकॉर्ड, रिपोर्ट, डॉक्टर से समय लेना और टेस्ट की उपलब्धता की जानकारी भी इससे ली जा सकती है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) से जुड़े होने के कारण अब तक एक लाख से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अकाउंट (एबीएचए) आईडी बनाई जा चुकी हैं।
35 लाख से अधिक ओपीडी टोकन और 11 लाख इलेक्ट्रानिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ईएचआर) लिंक किए गए हैं। इससे डाक्टरों और मरीजों दोनों को राहत मिली है।

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