सपा घमासानः जिसका जलवा कायम है, उसका बाप मुलायम है...
पांच कालिदास मार्ग पर आज दोपहर जमा बड़ी भीड़ के बीच कहीं ऊंट मौजूद नहीं था, फिर भी सब जानने को उतावले थे कि वह किस करवट बैठेगा।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। पांच कालिदास मार्ग पर आज दोपहर जमा बड़ी भीड़ के बीच कहीं ऊंट मौजूद नहीं था, फिर भी सब जानने को उतावले थे कि वह किस करवट बैठेगा। हर पल सबकी व्याकुलता इसलिए भी बढ़ती जा रही थी कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पिता मुलायम सिंह के घर गए देर हो चुकी थी। हाईवोल्टेज ड्रामा चरम क्लाईमेक्स पर पहुंच रहा था। ...अब क्या होगा का सवाल जितना उन समर्थक विधायकों को परेशान कर रहा था, जिन्हें अखिलेश अपने आवास में बिठा कर गए थे तो बाहर सड़क पर मौजूद युवा, बुजुर्ग और महिला समर्थकों में भी कम बेचैनी नहीं थी।
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इसी बीच किसी नतीजे के इंतजार में तेज कदमों से गोल्फ क्लब चौराहे की ओर बढ़े जा रहे दो जोशीले युवाओं में से एक ने दूसरे को समझाते हुए तेज आवाज में सवाल उछाला- 'बुजुर्गों के साथ कोई भविष्य हो सकता है क्या..?दूसरे ने मौन सहमति देते हुए इन्कार में सिर हिला दिया। तख्तियां लेकर नारे लगाते युवाओं के साथ फोटो क्लिक करा चुकीं एक युवा महिला नेता लपक कर डिजाइनर खादी में मौजूद अपने साथी के पास पहुंचीं और पूछ लिया- 'फेसबुक पर अपलोड कर दी कि नहीं मेरी फोटो...? युवक ने हां कहा तो वह वापस कार में जाकर बैठ गईं। यहीं खाकी वर्दी में मौजूद लंबे-चौड़े सरदार जी एक कार से टेक लगाए किसी को फोन से बता रहे थे- ...अमर सिंह पर एक्शन हो सकता है।
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मुख्यमंत्री आवास के गेट से कुछ दूर घेरा बना खड़े पत्रकारों में से एक ने मैसेज टोन सुन फोन निकाला, कुछ पढ़ा और बोले- लो... हो गया। सबने आंखें बड़ी कर उन्हीं पर टिका दीं कि क्या हो गया। चुटकी लेते हुए बोले- 'आजम ने अखिलेश से मुलायम के पैर छुआए... गले लगवाया..., फिर अखिलेश ने कहा- काए नाराज हो... हमीं तो तुमें पीएम बनै हे...।अखिलेश और शिवपाल के घर के बीच एक एसयूवी के अंदर-बाहर मौजूद युवाओं में से एक ने बदलते माहौल में चिंता जताई- 'रात में पार्टी हो पाएगी कि नहीं नए साल की..? दूसरे ने टोका- 'पहिले इहे पार्टी का हाल तौ देखि लो।
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मुस्लिम युवाओं का एक गुट अंग्रेजी में नारे लगा रहा था- 'नो कन्फ्यूजन-नो मिस्टेक, सिर्फ अखिलेश-सिर्फ अखिलेश। अब तक घड़ी सवा एक बजा चुकी थी। मुलायम के घर से अखिलेश के घर तक 'सब कुछ फिर से ठीक हो जाने का संदेश पहुंचने लगा था। 'हम सब समाजवादी है...एक है की भावना की आपूर्ति भी शुरू हो गई थी कि इसी बीच ठीक डेढ़ बजे मुख्यमंत्री का काफिला वापस फाइव केडी आ गया। अब तक 'अखिलेश तुम संघर्ष करो...के नारे लगा रहे युवा अचानक बधाई के नारे लगाने लगे। कुछ ने नारों में थोड़ा बदलाव किया- 'जिसका जलवा विशेष है, उसका नाम अखिलेश है। लेकिन, लोगों को असल मजा तब आया, जब पूरे माहौल को बयां करने वाला एक नया नारा गढ़ लिया गया कि 'जिसका जलवा कायम है, उसका बाप मुलायम है..!