Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लाइलाज नहीं है मिर्गी, बस इन बातों का रखें ध्यान; समय से दवा लेने से नियंत्रित हो सकती है एपिलेप्सी

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 18 Nov 2021 12:41 PM (IST)

    लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अब्दुल कवी ने बताया कि विश्व में हर साल 7 करोड़ लोग मिर्गी से ग्रस्त होते हैं वहीं देश भर में तकरीबन डेढ़ करोड़ मिर्गी के रोगी हैं। हर वर्ष देश में 6 से 7 लाख नए रोगी आते हैं।

    Hero Image
    एपिलेप्सी या मिर्गी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है।

    लखनऊ, [रामांशी मिश्रा]। एपिलेप्सी या मिर्गी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है इन झाइयों को दूर कर लोगों में मिर्गी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। 2021 में इसका विषय 'क्रिएटिंग अवेयरनेस अबाउट एपिलेप्सी' रखा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिर्गी के बारे में डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अब्दुल कवी ने बताया कि विश्व में हर साल 7 करोड़ लोग मिर्गी से ग्रस्त होते हैं, वहीं देश भर में तकरीबन डेढ़ करोड़ मिर्गी के रोगी हैं। हर वर्ष देश में 6 से 7 लाख नए रोगी आते हैं। लोहिया संस्थान में भी साल भर में तकरीबन 100 मिर्गी के मरीज आते हैं।

    लोगों में मिर्गी को लेकर सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि एक बार हो जाने पर इसका कभी इलाज नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा नहीं होता है। डॉ अब्दुल के अनुसार, मिर्गी लाइलाज नहीं है। दवाइयों की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। मिर्गी की दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए। यह दवा तीन से पांच साल चलती है। लेकिन अक्सर लोग परेशानी कम होते ही दवा खाना बंद कर देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए।

    डॉ अब्दुल ने बताया कि दिमाग में चोट लगने, किसी प्रकार के संक्रमण होने, न्यूरोसिस्टिसरकोसिस (दिमाग में कीड़ा) होने, पक्षाघात होने या फिर किसी प्रकार के आनुवंशिक बीमारी की वजह से व्यक्ति को मिर्गी की बीमारी हो सकती है। अगर इसकी शुरुआती दौर में ही सही डॉक्टरी परामर्श लिया जाए तो बीमारी को नियंत्रण में लाया जा सकता है।

    डॉक्टर अब्दुल ने बताया कि मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। जैसे कि उन्हें साफ-सुथरे स्थान पर रहना चाहिए। खुला हुआ खाना या रखा हुआ खाना खाने से बचना चाहिए। सब्जी को अच्छे से धुल कर खाना चाहिए। यदि दौरे पड़ रहे हों तो तो मरीज को जमीन पर सीधे न लिटा कर करवट से लिटाना चाहिए और कुछ भी खाने या पीने का सामान मुंह में नहीं डालना चाहिए। साथ ही समय पर डॉक्टरी परामर्श लेना सबसे आवश्यक बात है।

    comedy show banner