Bike Bot Scam: बाइक बोट घोटाले की जांच के लिए लखनऊ पहुंची EOW मेरठ की टीम, आरोपितों से पूछताछ
Bike Bot Scam लखनऊ में शुक्रवार रात इस घोटाले के दो आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर की टीम पीजीआइ थाने पहुंची है और आरोपितों से पूछताछ शुरू की है। दोनों आरोपितों से पूछताछ के आधार पर कुछ अन्य लोगों की तलाश भी शुरू की गई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) फिर हरकत में आ गई है। लखनऊ में शुक्रवार रात इस घोटाले के दो आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर की टीम पीजीआइ थाने पहुंची है और आरोपितों से पूछताछ शुरू की है। दोनों आरोपितों से पूछताछ के आधार पर कुछ अन्य लोगों की तलाश भी शुरू की गई है। लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित अमित अग्रवाल व उसके साथी कुलदीप को पकड़ा था और उनकी निशानदेही पर करीब 200 बाइक बरामद की हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी बाइक बोट घोटाले के आरोपितों के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच कर रहा है और कई आरोपितों की संपत्तियां भी अटैच कर चुका है।
ईओडब्ल्यू इस मामले में मेरठ व अन्य जिलों में अब तक 1100 से अधिक बाइक बरामद कर चुका है। ईओडब्ल्यू ने करीब दो माह पूर्व आरोपित अमित अग्रवाल से पूछताछ भी की थी, जिसमें लखनऊ समेत अन्य जिलों में 700 से अधिक बाइक खरीदे जाने के तथ्य प्रकाश में आए थे। कुछ ठिकाने भी पता लगे थे, जहां बाइक छिपाकर रखी गई हैं। इसके बाद ही एडीजी ईओडब्ल्यू की ओर से 27 मई को घोटाले से जुड़ी बाइक बरामद करने के लिए लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बरेली, बागपत व संभल समेत 10 जिलों की पुलिस को पत्र लिखा गया था।
बरामद बाइकों को रखने की जगह न होने की वजह से भी थानों की पुलिस से मदद की मांग की गई थी। इधर, शुक्रवार को लखनऊ पुलिस को इसमें कामयाबी मिल गई। हालांकि शुक्रवार को दोनों आरोपितों के पकड़े जाने के बाद लखनऊ पुलिस ने किसी अन्य एजेंसी के शामिल होने या इनपुट से इंकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व जून 2020 में ईओडब्ल्यू ने मेरठ में करीब 223 बाइक बरामद की थीं। वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के बीच बाइक टैक्सी के नाम पर आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई थी। उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान समेत अन्य राज्यों के करीब 1.75 लाख निवेशकों ने इस स्कीम में गाढ़ी कमाई लगाई थी, जो डूब गई। घोटाले के मुख्य आरोपित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के संचालक बसपा नेता संजय भाटी समेत अन्य के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर में 57 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। शासन ने इन सभी मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी।
यह है मामला : गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी ने बाइक टैक्सी चलवाने की आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर निवेशकों से निवेश कराया था और बाद में उनकी रकम हड़प ली थी। निवेशकों ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के संचालक बसपा नेता संजय भाटी समेत अन्य के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर में 57 मुकदमे दर्ज कराए थे। शासन ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। करीब एक साल पहले ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी। ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर करीब 1.75 लाख निवेशकों से 300 करोड़ से अधिक रकम हड़पे जाने की बात सामने आई थी। घोटाले में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, हरियाणा व मध्य प्रदेश के निवेशकों की भी रकम डूबी थी।
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