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    Employment in UP: हर जिले में चिह्नित हुए रोजगार के नए क्षेत्र, औद्योगिक संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 06:59 PM (IST)

    Employment and Jobs in UP कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे का कहना है कि अक्टूबर से हर महीने में इन चुने गए क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना से न केवल युवाओं को उनके जिले में ही रोजगार मिलेगा बल्कि राज्य की औद्योगिक तस्वीर भी बदलेगी।

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    हर जिले में चिह्नित हुए रोजगार के नए क्षेत्र

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने राज्य के हर जिले में स्थानीय उद्योग और संभावनाओं के आधार पर सेक्टरवार पहचान की है। इन सेक्टरों में युवाओं को औद्योगिक संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने ही जिले में रोजगार पा सकें या फिर इन क्षेत्रों में नौकरी के अवसर तलाश सकें। यह पहल प्रदेश के युवाओं को कौशलयुक्त बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

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    प्रदेश के प्रमुख जिलों में अलग-अलग सेक्टरों की पहचान की गई है। मसलन, आगरा में लेदर, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रानिक्स, टूरिज्म और फूड प्रोसेसिंग जैसे उद्योगों पर जोर दिया गया है, जबकि अलीगढ़ में आटोमोबाइल, हेल्थकेयर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान है।

    लखनऊ जैसे बड़े शहर में एयरोस्पेस और एविएशन, आइटी-आइटीईएस, हेल्थकेयर और लाइफ साइंसेज जैसे उभरते हुए क्षेत्र शामिल किए गए हैं। वहीं वाराणसी और गोरखपुर जैसे शहरों में पर्यटन, लाजिस्टिक्स, टेक्सटाइल और फर्नीचर-फिटिंग्स से जुड़े सेक्टर प्राथमिकता में हैं।

    ग्रामीण और सीमावर्ती जिलों में भी स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई गई है। जैसे भदोही और मीरजापुर में कालीन व हस्तशिल्प, अमेठी और बहराइच में एग्रो प्रोसेसिंग, बलरामपुर में इलेक्ट्रानिक्स व लाजिस्टिक्स, महोबा में ग्रीन जाब्स व फूड प्रोसेसिंग, जबकि लखीमपुर खीरी में कृषि आधारित उद्योग और फर्नीचर-फिटिंग्स प्रमुख सेक्टर के रूप में चिह्नित किए गए हैं।

    कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे का कहना है कि अक्टूबर से हर महीने में इन चुने गए क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना से न केवल युवाओं को उनके जिले में ही रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की औद्योगिक तस्वीर भी बदलेगी।

    स्थानीय संसाधनों और परंपरागत उद्योगों को आधुनिक प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग से जोड़ने का लक्ष्य है। यह पहल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, पलायन रोकने और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकती है।