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    'दो साल में देश में 6 लाख, विदेश में 50 हजार को दिलाएंगे रोजगार', श्रम मंत्री अनिल राजभर का बड़ा एलान

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 10:36 PM (IST)

    श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने अगले दो वर्ष में छह लाख अभ्यर्थियों को देश में और 50 हजार अभ्यर्थियों को विदेश में रोजगार दिलाने के निर्देश दिए ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने अगले दो वर्ष में छह लाख अभ्यर्थियों काे देश में और 50 हजार अभ्यर्थियों का विदेश में रोजगार दिलाने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि कार्ययोजना के तहत विभिन्न देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर व उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कर रोजगार के अवसर तलाशे जाएं।

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    लखनऊ में इंटीग्रेटेड फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना, नियोजकों एवं अभ्यर्थियों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना, अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने के बाद पोस्ट प्लेसमेंट प्रदान करने आदि कार्य भी तेजी से किए जाएं।

    विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्षों की प्रस्तावित कार्ययोजना में उप्र रोजगार मिशन के तहत देश व विदेश में रिक्तियों के सर्वेक्षण के लिए ईओआइ के माध्यम से प्रतिष्ठित कंपनियों को इम्पैनल करना और विदेश मंत्रालय द्वारा पंजीकृत रिक्रूटमेंट एजेंसी के माध्यम से भी रिक्तियों का एकीकरण कराया जाना चाहिए।

    विदेश में रोजगार के लिए 50 हजार अभ्यर्थियों को जापानी, जर्मन व अंग्रेजी तथा अन्य भाषाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। विभाग अभ्यर्थियों को रोजगारपरक अध्ययन सामग्री आनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे।

    मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 12 नये औषधालय व पांच चिकित्सालय की स्थापना की जानी है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम नई दिल्ली द्वारा प्रयागराज, फतेहपुर, अलीगढ़, वाराणसी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, जालौन, कन्नौज एवं लखीमपुर खीरी में नये औषधालयों की स्वीकृति प्रदान की गई है।

    वहीं मुरादाबाद, अयोध्या, बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा एवं गोरखपुर में कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय की स्थापना की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 2027 तक प्रदेश को बालश्रम से मुक्त कर दिया जाएगा।

    इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। लेबर अड्डों का समुचित विकास किया जाए। उन्होंने श्रमिक कल्याण की योजनाओं का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।

    बैठक में कारखानों के पंजीयन की प्रक्रिया तेज करने और नीति आवश्यक संशोधन करने, कारखानों में नियमित महिला कर्मकारों को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने, कल्याण अधिकारियों का वेतन बढ़ाने, सेफ्टी आडिट को मान्यता देने आदि पर भी चर्चा हुई।

    इस दौरान राज्यमंत्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी), प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डा. एमके शन्मुगा सुंदरम,विशेष सचिव कुणाल सिल्कू व नीलेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।