यूपी में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार शुरू, लखनऊ समेत सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालकर किया विरोध प्रदर्शन
UP News लखनऊ के हाइडिल फील्ड हास्टल में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम पांच बजे विरोध स्वरूप मशालें जलाई गईं। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन पर स्वेच्छाचारी और दमनात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों ने अपनी लंबित समस्याओं के समाधान के लिए मंगलवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। बिजलीकर्मियों ने शाम पांच बजे पूरे प्रदेश में मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया।
राजधानी लखनऊ के हाइडिल फील्ड हास्टल में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम पांच बजे विरोध स्वरूप मशालें जलाई गईं। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया।
साथ ही पावर कारपोरेशन चेयरमैन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए ऊर्जा मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जनता को तकलीफ न हो, इसलिए प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेंद्रों, सिस्टम आपरेशन और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा गया है।
बिजली कर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है। आंदोलन से जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है। पदाधिकारियों ने बताया कि बुधवार को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
बिजली कर्मियों ने यह भी चेताया कि यदि बिजलीकर्मियों पर दमनात्मक या उत्पीडऩ की कार्यवाही करने की कोशिश की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। विरोध सभा को संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जीवी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, पीके दीक्षित, चंद्र भूषण उपाध्याय, मो. इलियास, महेन्द्र राय आदि ने संबोधित किया।