निजीकरण व वर्टिकल सिस्टम के विरोध में बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन आज, संघर्ष समिति ने लिया निर्णय
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली कंपनियों के निजीकरण और वर्टिकल सिस्टम के खिलाफ प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। समिति का आरोप है कि वर्टिकल सिस्टम से बड़े पैमाने पर पदों को घटाने की साजिश है, जिससे लेसा में ही लगभग 8000 पद समाप्त हो जाएंगे। बिजलीकर्मी निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी रखेंगे और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में बिजली कंपनियों के निजीकरण तथा कई शहरों में वर्टिकल सिस्टम लागू किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
संघर्ष समिति का आरोप है कि बिजली व्यवस्था में वर्टिकल सिस्टम के माध्यम से बड़े पैमाने पर पदों को घटाने की साजिश है। अकेले लेसा में ही वर्टिकल सिस्टम से करीब 8000 पद समाप्त करने की तैयारी की गई है।
समिति ने कहा है कि शुक्रवार से बिजलीकर्मी पहले की तरह बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी रखेंगे। आरोप लगाया है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन वर्टिकल सिस्टम के बहाने हजारों पद समाप्त करने जा रहा हैं। लेसा में ही 8000 से अधिक पद समाप्त करने का निर्णय प्रबंधन ने लिया है।
मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह हजारों पदों को समाप्त करने के मामले में प्रभावी हस्तक्षेप करें। पदाधिकारियों ने कहा है कि लेसा में 2055 नियमित और लगभग 6000 संविदा कर्मियों के पद समाप्त कर कारपोरेशन प्रबंधन राजधानी की बिजली व्यवस्था पटरी से उतारने का काम कर रहा है।
लेसा में अधीक्षण अभियंता के 12 पद स्वीकृत है, जिसे घटाकर आठ किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता के 50 स्वीकृत पदों को 35, सहायक अभियंता के 109 पदों से 86, अवर अभियंता के 287 पदों को 142 तथा टीजी-टू के 1852 पदों को घटाकर 503 किया जा रहा है। लेखा संवर्ग में अकाउंटेंट के 104 पदों को घटाकर 53, एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के 686 पदों को 280 तथा कैंप असिस्टेंट के 74 पदों कम कर 12 करने की तैयारी है।

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