Bijli In UP: यूपी में घूसखोरी के चलते प्रति वर्ष 5019 करोड़ की बिजली चोरी, ऊर्जा मंत्री AK शर्मा ने लगाई फटकार
Bijli In UP उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष घूसखोरी के चलते प्रति वर्ष 5019 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। इसी मुख्य वजह है घूसखोरी। आगरा में बिजली चोरी की पकड़ी गई घटना के बाद विभागीय संलिप्तता उजागर हुई है। ऊर्जा मंत्री ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस मामले में अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों के पास भारी-भरकम विजिलेंस टीम है, लेकिन घूसखोरी के चलते राज्य में प्रति वर्ष 5019 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ी नहीं जा रही है। बिजली चोरी को पकड़ने के जिम्मेदार विभागीय अभियंताओं और विजिलेंस टीम की मिलीभगत से किस तरह घूस लेकर कार्रवाई नहीं की जा रही है उसका अंदाजा आगरा में बिजली चोरी के पकड़े गए एक मामले में दर्ज रिपोर्ट से लगाया जा सकता है।
बिजली चोरी में विभागीय संलिप्तता उजागर होने पर आगरा में विजिलेंस टीम के दो सब इंस्पेक्टर, दो अवर अभियंता और एक कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दरअसल, महंगी बिजली होने के बावजूद राज्य की बिजली कंपनियां वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। टैरिफ आर्डर से साफ है कि बिजली आपूर्ति के बावजूद कंपनियों को प्रति वर्ष 5019 करोड़ रुपये या यूं कहें कि प्रति माह 418 करोड़ रुपये का विद्युत राजस्व नहीं मिल रहा है।
मतलब यह है कि चोरी से बिजली का इस्तेमाल तो किया जा रहा है, लेकिन उसका बिल कंपनियों को नहीं मिल रहा है। चोरी से बिजली का इस्तेमाल करने वाले चोरों को पकड़ने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विजिलेंस की पूरी टीम है, लेकिन वर्षों से चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि आगरा में जिस तरह से दक्षिणांचल के एमडी के कड़े रुख से बिजली चोरी के मामले में विभागीय संलिप्तता उजागर हुई है उससे साफ है कि घूस लेकर बिजली चोरों को छोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि बिजली चोरी नहीं रुक रही है।
वर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मिलकर बिजली चोरी रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलान की मांग की। परिषद अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2017 से 22 के दरमियान बिजली चोरी के 3,22,970 मामले सामने आए थे, जिसमें से 1,02,270 मामलों में ही एफआइआर दर्ज कराई गई। चालू वित्तीय वर्ष में कुल 1,76,159 मामले सामने आए हैं, इनमें से मध्यांचल डिस्काम में 32,486, पूर्वांचल में 32,040, दक्षिणांचल में 46,618, पश्चिमांचल में 63,263 व केस्को में 1752 मामले बिजली चोरी के पकड़े गए हैं।
बिजली चोरी करने-करवाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विभागीय छवि को धूमिल करने और विद्युत राजस्व का नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिजली चोरी में लिप्त विद्युतकर्मियों के साथ ही बिजली चोरी करने व करवाने वालों में से किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। मंत्री ने कहा कि चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने, साथ ही एफआइआर का भय दिखाकर अवैध वसूली जैसे प्रकरणों की जांच कराएंगे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी डिस्काम के एमडी को ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं की शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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