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UPPCL: खेतों में पैदा होगी बिजली, किसान कर सकेंगे करोड़ों की कमाई; PM कुसुम योजना के तहत सरकार देगी अनुदान

यूपी सरकार किसानों को हरित ऊर्जा से जोड़ने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत भारी भरकम अनुदान दे रही है। किसान अपने खेतों में सोलर प्लांट लगाकर बिजली पैदा कर सकते हैं और उसे ग्रिड में बेच सकते हैं। 19 सितंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं। इसके तहत अगले 25 वर्षों पर तय अनुबंध के तहत यूपीपीसीएल बिजली खरीदेगी।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 03 Sep 2024 02:52 PM (IST)
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पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने पर मिलेगा भारी अनुदान - फोटो - फ्रीपिक।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटी सरकार किसानों को भी अपनी इस मुहिम का भागीदार बना रही है। इस पहल के तहत खेतों में सोलर प्लांट लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। पीएम कुसुम सी के तहत किसानों को खेतों में सोलर प्लांट लगाने के लिए भारी भरकम अनुदान भी दिया जा रहा है। योजना के तहत केंद्र सरकार 1.05 करोड़ और राज्य सरकार 50 लाख रुपये का अनुदान प्रति मेगावाट दे रही हैं।

यूपीनेडा ने पीएम कुसुम के तहत किसानों से आवेदन मांगे हैं। 19 सितंबर तक आवेदन दिए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के तहत कृषि फीडरों को सोलर बिजली घर से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। यूपीनेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पहली बार पीएम कुसुम सी योजना में किसानों को सीधे शामिल होने का मौका दिया जा रहा है।

इससे पूर्व यह योजना सिर्फ किसान संगठनों और एफपीओ तक सीमित थी। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट लगाने वाले किसानों का उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया जाएगा। इसके तहत अगले 25 वर्षों पर तय अनुबंध के तहत यूपीपीसीएल बिजली खरीदेगी। योजना के तहत 0.5 मेगावाट से 15 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं।

पीएम कुसुम योजना की तीन श्रेणी

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी (पीएम कुसुम ए) के तहत बंजर भूमि पर मिनी ग्रिड लगाना। दूसरी श्रेणी (पीएम कुसुम बी) के तहत डीजल सिंचाई पंपों को आफग्रिड सौर पंपों में बदलना और तीसरी श्रेणी (पीएम कुसुम सी) के तहत एग्रीकल्चर सोलर के लिए मिनीग्रिड लगाए जाने हैं। किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर जो बिजली पैदा होगी उसे ग्रिड में बेच सकते हैं।

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