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    UPPCL: यूपी में एक्शन मोड में विभाग, बिजली चेकिंग में हेरफेर करने वाले चार इंजीनियर सस्पेंड

    यूपी में बिजली विभाग सख्त है। बिजली चेकिंग के नाम पर उपभोक्ता से अभद्र व्यवहार सुविधा शुल्क और जबरन केबल काटने के मामले में चार अभियंता को सस्पेंड किया गया है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि तीनों अभियंताओं व कर्मियों ने दामाद प्रदीप व उनके साथ अभद्र व्यवहार किया ।

    By Anshu Dixit Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 27 Jun 2024 01:02 PM (IST)
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    बिजली चेकिंग में हेरफेर करने वाले चार अभियंता निलंबित - प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। बिजली चेकिंग के नाम पर उपभोक्ता विनोद कुमार सिंह और उनके दामाद सेना में हवलदार प्रदीप कुमार सिंह से अभद्र व्यवहार, सुविधा शुल्क और जबरन केबल काटने के मामले में दो अवर अभियंता, उपखंड अधिकारी और सेस प्रथम के अधिशासी अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। घटना 23 जून 2024 को निलमथा के विजय नगर में हुई। तीन दिन में ही मामले की रिपोर्ट आ गई।

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    26 जून को सभी को निलंबित कर दिया गया। जांच में उपखंड अधिकारी राजेश कुमार कोई उचित जवाब अपने पक्ष में नहीं दे पाए। वहीं जांच टीम ने जब मामले की जानकारी अधिशासी अभियंता दुर्गेश यादव से ली तो उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी। उन्हें भी शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।

    जांच टीम ने की पैसे की डिमांड

    शिकायतकर्ता विनोद कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि उनके निलमथा के विजय नगर आवास में उतरेठिया उपकेंद्र के उपखंड अधिकारी राजेश कुमार, अवर अभियंता जितेंद्र कुमार मिश्रा, शिव प्रसाद मिश्रा टीम के साथ चेकिंग के नाम पर घर में घुस आए और छत पर चढ़ गए।

    तीनों अभियंताओं व कर्मियों ने दामाद प्रदीप व उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। यही नहीं चोरी दिखाने और उगाही करने के नाम पर जबरन घर की केबल मीटर के आगे से काट दी। यही नहीं जांच टीम द्वारा पैसे की डिमांड यह कहते हुए की गई कि उन्हें मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। जेई व उपखंड अधिकारी ने दोनों घरों के मीटर व केबल तक उखड़वा लिए।

    जेई ने मौके पर ही 40 हजार रुपये अपने पास जमा कर लिए और नई केबल से कनेक्शन भी जोड़ दिया। शिकायतकार्त ने बताया कि 24 जून को दो लाख रुपये जेई व सब स्टेशन आपरेटर को और दिए गए। उपखंड अधिकारी राजेश ने कोई चेकिंग रिपोर्ट नहीं दी और न ही कोई कागज दिया। उपखंड अधिकारी ने जांच टीम को बताया कि चेकिंग रिपोर्ट देने के साथ वीडियो भी बनाया गया है।

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