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    UPPCL: राजस्व बढ़ाने को बिजली विभाग का नया फार्मूला, अब MRI के जरिए होगी मीटर की जांच; आदेश जारी

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 06:36 PM (IST)

    UP Electricity मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में बैठे काबिल अभियंताओं ने इस बार सवा लाख उन उपभोक्ताओं को टारगेट किया है जो पांच से नौ किलोवाट का कनेक्शन ले रखे हैं। बिजली विभाग को शक है कि यह उपभोक्ता कही बिजली मीटर में छेड़छाड़ करके राजस्व की हानि तो नहीं कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी माह का बिजली बिल भी विलंब से मध्यांचल देगा।

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    राजस्व बढ़ाने को बिजली विभाग ने निकाला नया फार्मूला, अब MRI के जरिए होगी मीटर की जांच

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में बैठे काबिल अभियंताओं ने इस बार सवा लाख उन उपभोक्ताओं को टारगेट किया है, जो पांच से नौ किलोवाट का कनेक्शन ले रखे हैं।

    बिजली विभाग को शक है कि यह उपभोक्ता कही बिजली मीटर में छेड़छाड़ करके राजस्व की हानि तो नहीं कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी माह का बिजली बिल भी विलंब से मध्यांचल देगा। अभी तक यह व्यवस्था सिर्फ दस किलोवाट व उससे ऊपर वाले उपभोक्ताओं के लिए थी। अब मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआइ) के जरिए बड़े उपभोक्ताओं पर नजर रखी जाएगी।

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    19 जिलों के लिए जारी किया फरमान

    मध्यांचल ने अपने सभी 19 जिलों के सवा लाख उपभोक्ताओं के लिए यह फरमान जारी कर दिया है। सवा लाख ही ऐसे उपभोक्ता हैं जो वर्तमान में पांच से नौ किलोवाट का कनेक्शन ले रखे हैं। वर्तमान में सामान्य मीटरों की तरह इनकी रीडिंग होती थी। अब एमआरआइ का नया झुनझुना काबिल अभियंताओं ने तैयार किया है।

    बिजली चोरी व लाइन लास पर कुछ हद तक अभियंताओं ने लगाम लगाई है लेकिन कई खंड ऐसे हैं जो बहुत प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सके हैं। ऐसे स्थितियों में बिजली विभाग जितना पैसा बिजली खरीदने में खर्च करता है, उतना कमा नहीं पा रहा है। इसलिए हर चार से पांच माह में नए-नए फार्मूले इजात कर रहा है बिजली विभाग।

    अगर ग्रामीण व चोरी बहुल वाले क्षेत्रों में राजस्व की वसूली नब्बे फीसद तक हो जाए तो बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी।

    क्या है मीटर की एमआरआइ

    मध्यांचल के निदेशक योगेश कुमार कहते हैं कि मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआइ) के जरिए पारदर्शिता आएगी और उपभोक्ताओं को त्रुतिरहित बिल मिल सकेंगे। कुल मिलाकर मीटर की पूरी स्कैनिंग कर मीटर की पूरी जांच हो सकेगी। मीटर में किसी भी प्रकार की छोटी या बड़ी छेड़छाड़ कभी की गई होगी तो एमआरआइ में सामने आ जाएगी।

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