राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कनेक्शन के रेट बढ़ाने का किया विरोध, सरकार के लिए कही ये बड़ी बात
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कनेक्शन की दरों में 6 गुना तक की वृद्धि का विरोध किया है। परिषद का कहना है कि यह वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए अन्यायपूर्ण है और इससे आम आदमी पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। परिषद ने सरकार से हस्तक्षेप करने और दरों को कम करने की मांग की है।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नियामक आयोग की अनुमति के बिना पावर कारपोरेशन द्वारा नए कनेक्शन की दरों में छह गुणा तक वृद्धि किए जाने के विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गुरुवार को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण को ज्ञापन दिया। मांग की है कि पावर कारपोरेशन की इस मनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाए। नियम विरुद्ध गरीब उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन के लिए छह गुणा अधिक धनराशि लिए जाने से सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से मुलाकात में परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर नए कनेक्शन की दरें छह गुणा किए जाने पर आपत्ति दर्ज की। कहा कि नियमों का उल्लंघन करते हुए सभी उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। पावर कारपोरेशन द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मूल्य 6016 रुपये की जगह 8000 रुपये से भी अधिक किए जाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को दिया गया है।
9000 रुपये से अधिक हो जाएंगी बिजली कनेक्शन की दरें
यह प्रस्ताव पास होने पर भविष्य में बिजली कनेक्शन की दरें 9000 रुपये से अधिक हो जाएंगी। उन्होंने एसीएस को बताया कि केंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम के तहत खरीदे गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर में निशुल्क लगाए जाने हैं। नियामक आयोग की अनुमति के बिना नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के साथ ही मीटर के मूल्य के रूप में 6016 रुपये वसूला जा रहा है।
उपभोक्ताओं से प्रीपेड अथवा पोस्ट पेड कनेक्शन का विकल्प नहीं लिया जा रहा है, जबकि विद्युत अधिनियम-2003 में विकल्प लिया जाना अनिवार्य है। नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर कनेक्शन की दरें जो अब तक 1032 रुपये थीं उसकी जगह 6400 रुपये लिए जा रहे हैं। वर्मा ने बताया है कि अपर मुख्य सचिव ने इस प्रकरण पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। इस मुद्दे पर वह जल्द ही राज्यपाल, मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
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