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    अब यूपी में इन लोगों के बिजली कनेक्शन हो जाएंगे कैंसिल, UPPCL ने गुपचुप तरीके से लागू कर दी नई व्यवस्था

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 08:26 PM (IST)

    लखनऊ में बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों को अब 21 दिन के भीतर आपत्तियों का निवारण करना होगा, अन्यथा आवेदन निरस्त हो जाएगा। यूपीपीसीएल ने यह नियम 14 अक्टूबर 2025 से लागू किया है, जिससे कई उपभोक्ता परेशान हैं। उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल और ईमेल पर ध्यान रखना होगा, ताकि समय रहते आपत्तियों का निवारण कर सकें।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। झटपट/ निवेश मित्र पोर्टल पर बिजली कनेक्शन आवेदन करने के बाद आवेदनकर्ता को ध्यान रखना होगा कि 21 दिन में अभियंता द्वारा लगाई गई आपत्तियों का निस्तारण कर दें। अगर ढिलाई बरती तो बिजली कनेक्शन का आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

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    यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिना प्रचार प्रसार करे गुपचुप तरीके से 14 अक्टूबर 2025 से लागू कर दी है। करीब साढ़े चार हजार से अधिक उपभोक्ता लखनऊ में परेशान हो रहे हैं कि उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।

    अभियंता भी अंजान थे। उपकेंद्र पहुंचे उपभोक्ताओं को बताया गया कि अब आपत्तियों का निस्तारण अगर 21 दिन में नहीं किया गया तो आवेदन स्वत: निरस्त हो जाएगा, क्योंकि कारपोरेशन ने झटपट पोर्टल को अपग्रेड कर दिया है। अभी तक आपत्तियों का निस्तारण अगर नहीं होता था, तो आवेदन लंबित पड़े रहते थे लेकिन पेंडेंसी हमेशा दिखाता रहता था।

    अभियंताओं को यूपीपीसीएल की वीडियो कांफ्रेंसिंग में जवाब देना पड़ता था कि आवेदन क्यों लंबित है? इसलिए यह व्यवस्थाएं ही खत्म कर दी गई हैं। प्रदेश में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या दस हजार से अधिक बताई जा रही है जिनके कनेक्शन आपत्तियां लगने से निरस्त हो गए।

    बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वालों को अब अपने मोबाइल के मैसेज पर ध्यान देना होगा कि कोई आपत्ति लगने का मैसेज तो नहीं आया है। संबंधित ई मेल एड्रेस पर ध्यान देना होगा। क्योंकि 21 दिन निकलते ही फिर बिजली कनेक्शन के आवेदन के लिए सारी प्रकिया फिर से अपनानी पड़ेगी और प्रोसेसिंग फीस फिर से जमा करनी होगी।

    उपभोक्ताओं का तर्क है कि पावर कारपोरेशन के जिम्मेदार अभियंताओं को कोई नया नियम लागू करने से पहले प्रचार प्रसार करना चाहिए। इस प्रयास से उपभोक्ता जागरूक हो जाते और परेशानी से बचते। गुपचुप तरीका अपनाना ठीक नहीं है।

    कुछ बिजली विभाग के अभियंताओं का कहना है कि यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू हुई है और पांच नवंबर से ही पता उन्हें चला है। फिलहाल बिजली उपकेंद्रों के उपभोक्ताओं ने चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। अवर अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक उपभोक्ताओं के तर्कों का जवाब देकर परेशान हो चुका है।

    कैसे लगती है आपत्ति
    बिजली कनेक्शन पाने के लिए आवेदनकर्ता अपने सभी दस्तावेज नहीं लगाता है। जैसे भवन की रजिस्ट्री प्रतिलिपि, शपथ पत्र, आधार कार्ड, वाणिज्यिक कनेक्शन में विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी जैसे दस्तावेज। आवेदन के बाद जेई-एसडीओ की जांच में इस तरह की कमियां पायी जाती हैं और फिर आपत्ती लगा दी जाती है।

    बिजली कनेक्शन करने वाले आवेदनकर्ताओं को थोड़ा सतर्क रहना होगा। अगर आवेदन के दौरान दस्तावेज पूरे नहीं है तो आपत्ति लगाई जाएगी। इसलिए दस्तावेज पूरे लगाए। 21 दिन में आवेदन निरस्त हो जाएगा। यह नई व्यवस्था लागू की गई है। नए सिरे से फिर से आवेदन करना होगा। अभी तक आपत्ति निरस्त न होने पर आवेदन पेंडेंसी में दिखाता रहता था।
    - योगेश कुमार, निदेशक वाणिज्यक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड