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    UPPCL: बिजली विभाग का 2700 करोड़ किस पर है बकाया? कई ने तो एक बार भी जमा नहीं किया बिल

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 03:25 PM (IST)

    लखनऊ में बिजली विभाग 38 लाख उपभोक्ताओं से बकाया वसूली में बेबस है, जिन पर 2700 करोड़ रुपये बकाया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के 18 लाख 'नेवर पेड' और 20 लाख 'लांग अनपेड' उपभोक्ता हैं। विभाग ने बकाया वसूली के लिए अभियंताओं को निर्देश दिए हैं। एक मुश्त समाधान योजना से 1500 करोड़ रुपये आने का अनुमान है, जिसमें उपभोक्ताओं को छूट और आसान किस्तें मिलेंगी।

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    अंशू दीक्षित, लखनऊ। बिजली विभाग 38 लाख उपभोक्ताओं के आगे बेबस है। यह ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनसे लाख जतन के बाद भी न तो बिजली बिल वसूला जा सका और न इनका बिजली कनेक्शन काटा जा सका। ऐसे डिफाल्टर उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग का करीब 2700 करोड़ रुपये का बकाया है।

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    तमाम प्रयासों के बाद इनमें से कुछ कनेक्शन बकाए के आधार पर काटे गए तो कुछ के चल रहे हैं, जिनके कनेक्शन कटे हैं, वह रात में कटिया लगाकर अपने कार्यों को निपटा रहे हैं। खासबात है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कुल एक करोड़ उपभोक्ता 19 जिलों में है।

    इनमें 18 लाख बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक बिजली का बिल ही नहीं दिया, इन्हें ''''नेवर पेड'''' उपभोक्ता कहते हैं। इसके अलावा बीस लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने लंबे समय से बिल जमा नहीं किया, इन्हें ''''लांग अनपेड'''' उपभोक्ता कहते हैं। मध्यांचल के लिए इतनी बड़ी उपभोक्ताओं की संख्या सिरदर्द बनी हुई है।

    ऐसे डिफाल्टरों से बिल वसूलने के लिए एक बार फिर एड़ी चोटी का जोर लगाने के निर्देश मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल ने सभी 19 जिलों के अभियंताओं को दिए हैं। इसकी सूची बनाकर डोर टू डोर 18 लाख नेवर पेड यानी कभी भुगतान न करने वालों से संपर्क करने को भी कहा गया है।

    हालांकि इनमें कई सौ उपभोक्ता ऐसे भी हैं, जिनके पते व नाम मौके पर पहुंचने के बाद भी नहीं मिल रहे हैं टीम को। इसके अलावा बीस लाख उपभाेक्ता ऐसे हैं, जिन पर जब अभियंता दबाव बनाते हैं तो चंद हजार रुपये बकाया जमा करके फिर शांत होकर बैठ जाते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं से अधिक से अधिक बिल वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।

    मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले जिलों के नाम
    लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, रायबरेली, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव और अंबेडकरनगर हैं।

    एक मुश्त समाधान योजना से पंद्रह सौ करोड़ आने का अनुमान 
    एक दिसंबर 2025 से लागू हो रही एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) से मध्यांचल को कुल 2700 करोड़ के बकाए से पंद्रह सौ करोड़ से अधिक आने का अनुमान है। तीन चरणों में यह ओटीएस लागू होगी। पहले चरण (एक दिसंबर से 31 दिसंबर 2025) पंजीकरण कराने पर उपभोक्ताओं को 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

    दूसरे चरण (एक जनवरी से 31 जनवरी 2026) में यह छूट 20 प्रतिशत और तीसरे चरण में (एक फरवरी से 28 फरवरी 2026) 15 प्रतिशत होगी। यह योजना 2025’ घरेलू उपभोक्ताओं (दो किलोवाट तक) और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं (एक किलोवाट तक) दोनों के लिए लागू होगी।

    चोरी के मामलों में राहत 
    योजना में बिजली चोरी से संबंधित मामलों में भी राहत देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे उपभोक्ता जिन पर राजस्व निर्धारण की धनराशि निर्धारित की गई है, वे 2000 रुपए या कुल धनराशि का 10 प्रतिशत (जो अधिक हो) जमा कर पंजीकरण कर सकते हैं। वहीं गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए सरकार ने मासिक किस्तों में भुगतान की व्यवस्था भी की है।

    यहां करा सकते हैं पंजीकरण
    उपभोक्ता विभागीय वेबसाइट www.uppcl.org, खंड/उपखंड कार्यालयों, जन सेवा केंद्र (सीएससी) या विभागीय कैश काउंटर के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं।

    मध्यांचल में जो ''''नेवर पेड'''' या फिर ''''लांग पेड'''' वाले उपभोक्ताओं से बकाया वसूलने के लिए हर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। सभी अभियंताओं को ऐसे डिफाल्टरों की सूची देकर बिल वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।
    योगेश कुमार, निदेशक (वाणिज्य), मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड