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    यूपी को लॉजिस्टिक हब बनाने की कवायद तेज, निवेश को तैयार कई कंपनियां

    By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Tue, 03 Jan 2023 07:38 PM (IST)

    उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विभिन्न निर्यात क्लस्टरों से युक्त होने के साथ ही भूमि से घिरा हुआ राज्य है। ऐसे में समुद्री बंदरगाहों को निर्यात कार्गो के सुविधाजनक परिवहन के लिए प्रदेश में ड्राई पोर्ट्स के विकास की काफी संभावनाएं हैं।

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    यूपी को लॉजिस्टिक हब बनाने की कवायद तेज, कई कंपनियां करेंगी निवेश

    लखनऊ, जागरण टीम। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए कवायद तेज कर दी है। वह कई प्लेटफॉर्म पर इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि प्रदेश के कई जिलों में ऐसी क्षमता है कि वो लॉजिस्टिक का हब बन सकते हैं। मुख्यमंत्री की इसी मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार ने नई वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक नीति 2022 जारी की है। इस नीति में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक के साथ-साथ ड्राई पोर्ट्स के लिए भी निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया है।

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    निवेश आकर्षित करने की योजना

    प्रदेश सरकार का लक्ष्य मौजूदा ड्राई पोर्ट्स, अंतरदेशीय कंटेनर डिपो, माल ढुलाई स्टेशनों एवं रोड कॉरिडोर्स तक पहुंच के साथ उपयुक्त स्थानों पर लॉजिस्टिक्स टर्मिनल्स, 4-लेन और 6-लेन राजमार्गों के गुणवत्तापूर्ण नेटवर्क, इंटरलिंकिंग सड़कों आदि को सुदृढ़ करना है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त ड्राई पोर्ट्स के विकास हेतु निवेश आकर्षित करने की योजना है।

    विकास शुल्क में 75 प्रतिशत की मिलेगी छूट

    ड्राई पोर्ट्स के विकास के लिए प्रदेश सरकार कई तरह की रियायतें प्रदान करेगी। प्रदेश में आईसीडी, सीफीएस, एएफएस परियोजना स्थापित करने के लिए क्रय की गई या पट्टे पर ली गई भूमि (न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि हेतु) पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की दर से छूट प्रदान की जाएगी। इसी तरह भू उपयोग परिवर्तन चार्ज में 75 प्रतिशत की रियायत प्रदान की जाएगी तो विकास शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिल सकेगी।

    साथ ही इन परियोजनाओं को 60 प्रतिशत तक ग्राउंड कवरेज की भी अनुमति दी जाएगी। हालांकि ये सभी प्रस्तावित छूट समतुल्य धनराशि की बैंक गारंटी जमा करने पर ही अनुमन्य होंगी। इसके अतिरिक्त पात्र पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत की दर से कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 

    लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने का प्रयास

    उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में मुरादाबाद रेल लिंक्ड संयुक्त घरेलू एवं एक्जिम टर्मिनल, रेल लिंक्ड प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल तथा कानपुर में इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी), दादरी टर्मिनल में आईसीडी कार्यरत है। राज्य को अंतरदेशीय जलमार्ग के करीब या किनारे विकसित किए जा रहे टर्मिनल्स तथा फ्रेट कॉरिडोर्स के करीब या किनारे मल्टी-मोडल टर्मिनलों का लाभ प्राप्त हो रहा है।

    दादरी में एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी (ग्रेटर नोएडा में मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) भी विकसित किए जा रहे हैं, जिससे इस सेक्टर को और बढ़ावा मिलेगा। वाराणसी में 100 एकड़ क्षेत्र में भारत का प्रथम 'फ्रेट विलेज' विकसित किया जा रहा है। 

    लॉजिस्टिक में निवेश को तैयार हैं कई कंपनियां

    उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक सेक्टर में निवेश के लिए विदेश की कई कंपनियां इच्छा जता चुकी हैं। कई निवेशकों के साथ इसको लेकर एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। खासतौर पर यूएई की कंपनी डीपी वर्ल्ड उत्तर प्रदेश के दादरी में लॉजिस्टिक और कॉर्गो के क्षेत्र में जॉइंट वेंचर स्थापित करने को लेकर निवेश पर सहमति जताई है।

    साथ ही उन्होंने कानपुर के करीब हाईवे और रेल कनेक्टिविटी वाली भूमि की भी मांग की है, ताकि बड़ा लॉजिस्टिक प्लांट स्थापित किया जा सके। जॉइंट वेंचर के तहत कंपनी को 2 हजार एकड़ भूमि की आवश्यक्ता होगी। इस सेक्टर में निवेश से उत्तर प्रदेश में हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।