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    पांच फर्जी आधार कार्ड लेकर चलता, फिल्मी सितारों से करवाया प्रचार... पुलिस की गिरफ्त में आए अभिनव शर्मा की कहानी

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 08:38 PM (IST)

    साइबर पुलिस ने अभिनव शर्मा नामक एक शिक्षा माफिया को गिरफ्तार किया है, जो पांच से अधिक नामों से जाना जाता था और फर्जी आधार कार्ड का उपयोग करता था। वह लोगों को ठगने के लिए फिल्मी सितारों को बुलाता था। उसने 70 से अधिक फ्रेंचाइजी वितरित की थीं और दस से अधिक विदेशी यात्राएं की थीं। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं और पहले भी जेल जा चुका है।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर पुलिस की गिरफ्त में आए अभिनव शर्मा की कहानी फिल्म स्क्रिप्ट से कम नहीं है। अभिनव एक, दो नहीं बल्कि पांच से ज्यादा नामों से जाना जाता था। पांच नाम से उसने फर्जी आधार कार्ड तक बनवाए थे। लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए प्रचार करने के लिए फिल्मी सितारों को बुलाता था। इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि दो जगहों की जानकारी हुई है।

    इंस्पेक्टर ने बताया कि शिक्षा माफिया अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी की कहानी वर्ष 2011 में शुरू हुई थी। मथुरा से बीटेक मैकेनिकल करने के बाद वह कमिशन पर एडमिशन करने का काम करता था। एक वर्ष में कमाई देखने के बाद उसने ठगी करना शुरू कर दिया। पटना में खुद की कंपनी खोल दी। प्रचार करने के लिए उस दौरान फिल्मी सितारों को बुलाया था।

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    सैकड़ों लोगों को शिकार बनाया। लोगों ने शिकायत शुरू की, तो मुकदमे दर्ज होने शुरू हो गए। कुछ ही दिनों में बिहार में शिक्षा माफिया के नाम से जाना जाने लगा। बचने के लिए पहले दिल्ली, फिर गुजरात, आखिर में यूपी के बनारस में आकर रहने लगा। इस दौरान वह दिल्ली और गुजरात में भी जेल गया था।

    जमानत मिलने के बाद बनारस में रहने लगा था। यहां पर भी फिल्मी सितारों से प्रचार प्रसार करवाकर उसने ठगी जारी रखी। अब तक अभिनव ने एक नहीं, बल्कि दस से ज्यादा विदेशी यात्राएं(फिनलैड, दुबई, रूस, सिंगापोर समेत अन्य ) कीं। सभी जगहों पर पांच सितारा होटल, लग्जरी लाइफ जीता था।

    पकड़ा न जाए, इसके लिए पांच से ज्यादा फर्जी आधार कार्ड अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी उर्फ राजीव सिंह उर्फ संजीव सिंह उर्फ सर्वेश शुक्ला के नाम से बना रखे थे। जहां जाता था, वहां पर अलग-अलग फर्जी आधार कार्ड देता था। इंस्पेक्टर का कहना है कि आधार कार्ड किसकी मदद से बनवाता था, उनका पता लगाया जा रहा है।

    70 से ज्यादा कालेजों को बांटी फ्रेंचाइजी: जांच करने वाले इंस्पेक्टर दीपक पांडेय ने बताया कि दिल्ली पब्ली स्कूल(जूनियर) के नाम से मान्यता ले रखी थी। उसकी फ्रेंचाइजी बाटने के बदले साढ़े तीन लाख रुपये लेता था। अबतक यूपी, बिहार, उतराखंड समेत अन्य जगहों पर 70 से ज्यादा फ्रेंचाइजी वितरित कर रखी थी।