Cyber Crime: पढ़े-लिखे लोग भी हो रहे साइबर फ्रॉड का शिकार, एक्सपर्ट्स ने दिए इससे बचने के जरूरी टिप्स
Awareness Programme On Cyber Fraud थोड़ी सी जागरूकता आपको किसी भी साइबर हमले से बचा सकती है। बशर्ते आपको किसी के दबाव में नहीं आना है लालच में नहीं पड़ना है और अपने गोपनीय दस्तावेजों यानी ओटीपी बायोमेट्रिक वगैरह को साझा नहीं करना है। अगर आप इन सब बातों का ध्यान रखेंगे तो निश्चित रूप से साइबर फ्रॉड से बचे रहेंगे।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। इस डिजिटल युग में डिजिटिलाइजेशन से एक तरफ लोगों को फायदा भी हो रहा है तो दूसरी तरफ उनके साथ जालसाजी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। ऐसी ही घटनाओं से आमजन को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण लुटेरा आनलाइन सतर्क रहे नाम से अभियान भी चल रहा है। शनिवार को इसी क्रम में दैनिक जागरण कार्यालय में यूपी पुलिस के साइबर विशेषज्ञों ने संगिनी क्लब की महिलाओं को साइबर हमलों से बचने के लिए कई टिप्स दिए।
साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि थोड़ी सी जागरूकता आपको किसी भी साइबर हमले से बचा सकती है। बशर्ते आपको किसी के दबाव में नहीं आना है, लालच में नहीं पड़ना है और अपने गोपनीय दस्तावेजों यानी ओटीपी, बायोमेट्रिक वगैरह को साझा नहीं करना है। अगर कहीं गलती होती है तो टोल फ्री नंबर 1930 पर काल करके तुरंत सूचना देना है। नजदीकी साइबर सेल में जाकर रिपोर्ट करानी है।
यहां करें शिकायत
इसके अलावा www.cybercrime.org.in, sancharsarthi, ceir जाकर शिकायत कर सकते हैं। साइबर विशेषज्ञ उपनिरीक्षक राकेश कुमार मिश्रा, सैय्यद हसन आदिल और सिपाही सुनील ने बताया कि आप स्वयं को साइबर हमले से बचाने के साथ ही अपने बच्चों, मित्रों व परिचितों को कैसे बचाएं और किन बातों का ध्यान रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक, 90 प्रतिशत लोग स्वयं अपनी गलतियों से फंसते हैं। सिर्फ दस प्रतिशत लोग ही होते हैं जो तकनीकी कारणों में उलझाकर हैकर्स फंसा पाता है।
लोगों ने किए कई सवाल
विशेषज्ञों ने डिजिटल अरेस्ट, फेस बुक हैक, न्यूड वीडियो, आनलाइन प्रापर्टी या किराए पर घर देने के विज्ञापन के नाम पर ठगी होती है। इसके अलावा अब मेट्रिमोनियल एप, ग्रीनडर एप, डेटिंग एप, ट्रेडिंग या फिर बिजली व अन्य बिल जमा करने में हेराफेरी हैकर्स कर रहे हैं। ऐसे तमाम बिन्दुओं पर विशेषज्ञों ने दैनिक जागरण के संगिनी क्लब की महिलाओं की जिज्ञासा शांत की। इस दौरान विशेषज्ञों ने कई सवालों के जवाब भी दिए।
प्रश्न: फेक काल मोबाइल पर आती है, इन्हें कैसे रोकें, एक को ब्लाक करते हैं तो दूसरी से आ जाती है- नीलम मिश्रा
उत्तर: इसको लेकर केंद्र सरकार काम कर रही है। आने वाले चंद महीनों में एक सीरिज ऐसी काल के लिए होंगे, जिनको देखते ही आप पहचान जाएंगे कि यह प्रोमोशन काल है या फेक काल।
प्रश्न: फोन आते हैं, या फेसबुक पर लोग डालते हैं कि ट्रेडिंग करके पैसा कमा कमाएं, अगर इनमें पैसा चला जाए तो क्या वापस मिल सकता है -अनुपमा श्रीवास्तव
उत्तर: अगर ऐसा हो तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत करें। क्योंकि जितनी देर होगी उतने पैसा मिलने के मौके कम हो जाते हैं।
प्रश्न: मोबाइल खोलते ही गंदे वीडियो आने लगते हैं। गंदी फोटो भी आ जाती हैं। बच्चों को कैसे रोकें? इसे सरकार को पूरी तरह से प्रतिबंध करना चाहिए। इससे मोबाइल पर यह न आ सके -नीलू श्रीवास्तव
उत्तर: मोबाइल में ऐसी चीजों को बंद करने के लिए विकल्प दिए होते हैं। इसके अलावा यह चीजें तभी आती हैं, जब उन्हें देखा जाए, गूगल देखता है कि सामने वाला क्या चाहता है, जो आप एक बार देखेंगे, तो वह बार बार वह दिखाता है। इसलिए बच्चों को फोन से दूर रखे, जरूरत पड़ने पर अपनी निगरानी में दें।
प्रश्न: प्रोफाइल खुली रहने के बाद भी हैकर्स से कैसे बचें, क्योंकि मेरा प्रोफेशन ऐसा है कि मुझे अपने काम की मार्केटिंग करनी होती है। ऐसे में हैकर्स तो नुकसान पहुंचा सकते हैं -अर्चना सिंह
उत्तर: आपका प्रश्न अच्छा है। अपने उत्पाद, अपनी मार्केटिंग के लिए आप पेज बनाकर काम करे। फिर कोई समस्या नहीं आएगी। हालांकि मानकर रखिएगा कि एक या दो फेक आइडी बनेंगी ही।
प्रश्न: हमें किसी को आनलाइन पेमेंट करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए -वंदना शुक्ला
उत्तर: सामान खरीदते वक्त यह जान लें कि आप जिसको पैसा दे रहे हैं, वहीं व्यक्ति है, जिससे सामान खरीदा है। इसके अलावा जो मोबाइल में मैसेज आया है, उसे पढ़ें और फिर समझें कि वही मैसेज है, जिससे आपने कोई सामान खरीदा है, तभी पैसा दें, जल्दबाजी न करें।
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