ED Raid: हापुड़ की मोनाड प्राइवेट यूनिवर्सिटी का बड़ा फर्जीवाड़ा, ईडी की उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में भी छापेमारी
Action On Fake Degree and MarkSheets: मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी काम को विस्तार देने वाले अन्य कॉलेजऔर शिक्षण संस्थान भी ईडी की रडार पर हैं। इसी क्रम में उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज के साथ ही लखनऊ के गोमतीनगर में सरस्वती कालेज के प्रिंसिपल अखिलेश मौर्य के आवास पर भी छापेमारी की गई है।

सरस्वती मेडिकल कॉलेज में ईडी का छापा
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और मार्कशीट के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। मेडिकल और इंजीनियरिंग के साथ ही एमबीए की फर्जी डिग्री बांटने वाली मोनाड यूनिवर्सिटी का बड़ा नेटवर्क आज सामने आ गया। र्ईडी ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट के मामले में उप्र के अलावा हरियाणा और दिल्ली के 16 ठिकानों पर छापेमारी की है। मोनाड यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं अपनी डिग्री की वैधता को लेकर बेचैन हैं।
मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी काम को विस्तार देने वाले अन्य कॉलेज और शिक्षण संस्थान भी ईडी की रडार पर हैं। इसी क्रम में उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज के साथ ही लखनऊ के गोमतीनगर में सरस्वती कालेज के प्रिंसिपल अखिलेश मौर्य के आवास पर भी छापेमारी की गई है। ईडी की टीमों की गाजियाबाद, नोएडा व अन्य स्थानों पर छापेमारी चल रही है।
सरस्वती मेडिकल कॉलेज में ईडी का छापा
उन्नाव में कानपुर-लखनऊ हाईवे पर सोहरामऊ क्षेत्र के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा। इसके बाद मेडिकल कालेज की इमरजेंसी को छोड़ कर कैंपस के अन्य क्षेत्रों में लोगों का प्रवेश रोक दिया गया।
तीन गाड़ियों से पहुंची ईडी की टीम ने प्रशासनिक भवन के साथ ही प्राचार्य डा. आरएल श्रीवास्तव समेत स्टाफ के फोन जमा कर लिए हैं। सभी को अपने अपने कक्ष ही रहने के निर्देश देने के साथ ही अकाउंटेंट, मैनेजर आदि के कंप्यूटर कब्जे में ले लिए है।
ईडी की टीम ने अधिकारियों ने सभी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क जब्त कर ली हैं और सर्वर रूम को सील कर दिया गया है। कैंपस के मुख्य द्वार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने घेराबंदी की है और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है।
मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री रैकेट 2023 से सक्रिय
मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री और मार्कशीट का मामला वर्ष 2023 में सामने आया था। यहां पर किसी भी विश्वविद्यालय में फेल हुए छात्र-छात्राओं को 50 हजार से दो लाख रुपये तक लेकर नकली डिग्री और मार्कशीट देने का काम चल रहा था। वॉट्सएप से दस्तावेज मंगवाकर फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार की जाती थी और यूपीआई, नकद या अन्य रूप में भुगतान लिया जाता था। पूरा भुगतान होने के बाद डिग्री दो दिन के अंदर कोरियर से भेज दी जाती थी। एसटीएफ की जांच में पांच वर्ष में इस फर्जीवाड़ा से 18 से 22 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया गया था।
आयकर विभाग भी इसी कमाई के अंतिम ठिकाने की तलाश कर रहा है। एसटीएफ ने उस समय विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें सनी कश्यप, कुलदीप, विपुल चौधरी, इमरान और संदीप कुमार जैसे कर्मचारी भी थे जो नकली मार्कशीट और डिग्री तैयार करने में सीधे तौर पर संलिप्त पाए गए थे।

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