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    लखनऊ के इन मार्गों पर अब नहीं चल सकेंगे ई-रिक्शा, जानिए क्‍या है वजह

    By Vrinda SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 13 May 2022 03:17 PM (IST)

    अमौसी से मुंशी पुलिया के बीच ई-रिक्शा बंद होने से मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ने का असर शुक्रवार सुबह से ही दिखने लगा। नार्थ साउथ कारिडोर पर मेट्रो भले चल रही थी लेकिन सार्वजनिक वाहनों के बंद न होने से लाेग मेट्रो में चलने से बच रहे थे।

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    लखनऊ में मेट्रो रूट पर ई रिक्‍शा प्रतिबंधित।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। अमौसी से मुंशी पुलिया के बीच ई-रिक्शा बंद होने से मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ने का असर शुक्रवार सुबह से ही दिखने लगा। करीब 27 किमी. के नार्थ साउथ कारिडोर पर मेट्रो भले चल रही थी, लेकिन सार्वजनिक वाहनों के बंद न होने से लाेग मेट्रो में चलने से बच रहे थे। क्योंकि मेट्रो यात्रियों को स्टेशन पर उतार रही थी और ई रिक्शा चालक घर के सामने। अब ऐसे लोगों के सामने परेशानी तो होगी लेकिन पैदल चलने से उनकी सेहत में जरूर सुधार होगा।

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    वहीं मेट्रो में यात्रियों का ग्राफ बढ़ना तय माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का तर्क है कि यात्रियों का ग्राफ वर्तमान में साठ हजार है। ई-रिक्शा, आटो व सार्वजनिक वाहन कम होने से यात्री मेट्रो में चलने के लिए प्रेरित होंगे। डीके ठाकुर, पुलिस आयुक्त कमिनश्नरेट लखनऊ द्वारा अमौसी रोड से मुंशी पुलिया चौराहे के बीच ई-रिक्शा के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। इससे कृष्णा नगर, आलमबाग, श्रृंगारनगर, मानकनगर, नाका, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज तक ई-रिक्‍शा पूरी तरह से बंद रहेगा।

    वहीं विश्वविद्यालय से आइटी चौराहे तक ई रिक्शा दिख सकते हैं, क्योंकि यहा अभी प्रतिबंध नहीं लगा है। उसके बाद बादशाहनगर, भूतनाथ तक ई-रिक्शा चलेंगे। फिर इंदिरा नगर से मुंशी पुलिया के बीच ई रिक्शे का संचालन बंद रहेगा। मेट्रो अफसरों का तर्क है कि मेट्रो रूट का अगर उल्लेख आदेश में किया गया है तो पूरे मेट्रो रूट पर ई-रिक्शा प्रतिबंधित होने चाहिए। क्योंकि चार मेट्रो स्टेशनों के बीच ई रिक्शा संचालित हो रहे हैं।

    फीडर सर्विस के रूप में इस्‍तेमाल हो सकते हैं ई-रिक्शा : मेट्रो के अफसर कहते हैं कि अगर यात्रियों को ई रिक्शा स्टेशन से चंद मीटर दूर मिले और यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम करे, तो फीडर सर्विस के रूप में काम किया जा सकता है। इससे उनकी रोजी भी चलेगी और मेट्रो में फीडर सर्विस की सुविधा भी मिल सकेगी। इसके लिए एक निर्धारित किराया ई-रिक्शा चालकों को लेना होगा और एक निर्धारित स्थान पर ई-रिक्शा के लिए स्टैंड बनाना होगा।