Dudhwa National Park: बाघ बाहुल्य महेशपुर बनेगा पर्यटन केंद्र, पर्यटकों को नवंबर से मिलेगी इंट्री
Dudhwa National Park लखीमपुर में बाघ बाहुल्य महेशपुर को पर्यटन क्षेत्र बनाने के लिए पांच करोड़ का प्रस्ताव तैयार। पर्यटन विभाग ने दी मंजूरी। नवंबर से ...और पढ़ें

लखीमपुर, [श्वेतांक शंकर उपाध्याय]। दुधवा नेशनल पार्क के बाहर केवल बफरजोन ही नहीं, बल्कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग के महेशपुर रेंज को भी पर्यटन स्थल के रूप में संवारा जाएगा। इसके लिए पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। पर्यटन की शुरुआत गोला रेंज के रजानगर से होगी। फिर सेमरी ताल घुमाने के बाद पर्यटकों को महेशपुर रेंज के देवीपुर बीट में घुमाया जाएगा। यहां 10 से बाघों और कई गुलदार का मूवमेंट बना रहता है। महेशपुर रेंज को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग ने मंजूरी दे दी है।
अधिकारियों के मुताबिक 22 अगस्त को प्रमुख सचिव और पर्यटन विभाग की बैठक में दोनों रेंजों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इस इलाके में पर्यटन के लिए गोला रेंज के रजानगर से प्रवेश लेना पड़ेगा। रजा नगर में 2 से 3 किलोमीटर जंगल भ्रमण के बाद पर्यटकों को सेमरी ताल तक ले जाया जाएगा। जंगल की खूबसूरती का नजारा लेने के लिए यहां वाच टावर उपलब्ध रहेगा। ताल में नौका विहार के लिए दो नाव रहेगी। इसके बाद पर्यटन का मुख्य आकर्षण महेशपुर रेंज का देवीपुर और चैतीपुर होगा। यहां काफी संख्या में बाघों का मूवमेंट है। नर्सरी का एरिया भी पर्यटकों के भ्रमण के लिए रहेगा।
सुबह-शाम पर्यटक कर सकेंगे जंगल की सैर
डीएफओ संजय विस्वाल का कहना है कि पर्यटन विकास के लिए चार से पांच करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सेमरी ताल पर वाच टावर बनाया जाएगा। गोला और महेशपुर रेंज में भ्रमण के लिए दो जिप्सी भी रहेगी। जो सुबह शाम के शिफ्ट में पर्यटकों को घुमाएगी। दोनों रेंजों में गेस्ट हाउस पहले से ही मोरुडा प्रस्ताव में दोनों गेस्ट हाउस को दुरुस्त कराने के लिए बजट की डिमांड की गई है।
जानिए महेशपुर रेंज को
8000 हेक्टेयर जंगल है महेशपुर रेंज में
2600 हेक्टेयर देवीपुर बीट के जंगल में होगा पर्यटन
13 किलोमीटर का एरिया पर्यटकों के भ्र्रमण के लिए आरक्षित
10 से अधिक बाघ घूम रहे पूरे रेंज में, लीलापुर गांव किनारे सबसे ज्यादा
08 गुलदार का मूवमेंट है पूरे रेंज में, कठिना नदी का इलाका बेहद संवेदनशील
गणना में मिले हैं ये वन्यजीव भी
189 हिरन हैं इनमें 60 नर, 86 मादा, 43 बच्चे
117 चीतल में 39 नर, 50 मादा, 28 बच्चे

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