UP News: डूडा के प्रोजेक्ट मैनेजर ने फंदे से लटककर जान दे दी, 15 साल से डिप्रेशन में थे
डूडा के प्रोजेक्ट मैनेजर सुधाकांत मिश्र ने शनिवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह रिटायर आईएएस मंगला प्रसाद मिश्र के बेटे थे। परिजनों के मुताबिक सुधाकांत 15 वर्ष से डिप्रेशन में थे और उनका इलाज चल रहा था। इंदिरानगर सेक्टर बी निवासी सुधाकांत के बेटे कार्तिकेय ने पुलिस को बताया कि उनके पिता डिप्रेशन के चलते कई बार जान देने की बात करते थे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। डूडा के परियोजना अधिकारी सुधाकांत मिश्र ने शनिवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह रिटायर आईएएस मंगला प्रसाद मिश्र के बेटे थे। परिजनों के मुताबिक सुधाकांत 15 वर्ष से डिप्रेशन में थे और उनका इलाज चल रहा था।
मौजूदा समय में सुधाकांत हरदोई में तैनात थे
पुलिस ने बताया कि मौजूदा समय में हरदोई में तैनात थे। यहां इंदिरानगर सेक्टर बी में परिवार के साथ रहते थे। बेटे कार्तिकेय ने पुलिस को बताया कि उनके पिता डिप्रेशन के चलते कई बार जान देने की बात करते थे। शनिवार रात जब वह अपनी बीमार सास को देखने अस्पताल गए थे, तब उनके पिता ने फांसी लगा ली।
कार्तिकेय ने पहली बार देखा पिता को
कार्तिकेय ने बताया कि जब वह घर लौटे तो पिता का कमरा अंदर से बंद था। खिड़की से झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटके थे। उन्होंने दरवाजा खोलकर पिता को फांसी के फंदे से उतारा और अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों ने बताया कि सुधाकांत तीन महीने बाद रिटायर होने वाले थे और उनकी पत्नी दूसरे कमरे में थीं।
तीन महीने बाद होना था रिटायरमेंट
इंदिरानगर सेक्टर बी निवासी ठेकेदार कार्तिकेय मिश्र ने बताया कि बिजली के केबिल का फंदा बनाकर पंखे के सहारे फांसी लगाई है। घटना के वक्त मां इंदिरा दूसरे कमरे थी। वह एचएल स्कूल से टीचर थीं। पिता भी तीन माह बात रिटायर होने वाले थे।
कई बार जान देने की बात कह चुके थे
बेटे ने बताया कि पिता डिप्रेशन के चलते कई बार जान देने की बात करते थे। इसके चलते उनका लगातार इलाज चल रहा था। किसी को अंदाजा नहीं था कि वह यह कदम भी उठा लेंगे। इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय के मुताबिक बीमारी के चलते फांसी लगाने की बात कही है।
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