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    Dr Masood Ahmad : राष्ट्रीय लोकदल छोड़ने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 08 Aug 2022 03:13 PM (IST)

    Dr Masood Ahmad Joins Congress डा. मसूद अहमद को कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने शाल ओढ़ाकर मसूद को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। राष्ट्रीय लोकदल से करीब दो दशक से जुड़े अंकुर सक्सेना ने भी पार्टी को छोड़ दिया है।

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    Dr Masood Ahmad Joins Congress : पीएल पुनिया ने मसूद को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई-जागरण

    लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान ही मार्च में राष्ट्रीय लोकदल को छोड़ने वाले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने नया ठिकाना तलाश लिया है। डा. मसूद अहमद सोमवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

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    उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय, माल एवेन्यु में डा. मसूद अहमद को कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने शाल ओढ़ाकर मसूद को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। डा. मसूद अहमद लम्बे समय तक राष्ट्रीय लोकदल में रहे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सपा -रालोद गठबंधन की हार के बाद राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रहे मसूद ने रालोद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने डा. मसूद अहमद के पार्टी में शामिल होने की घोषणा भी की।

    डा. मसूद अहमद सोमवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल- जागरण

    इससे पहले डा. मसूद अहमद ने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी पर आरोप लगाकर इस्तीफा दिया था। डा. मसूद ने जयंत सिंह चौधरी को पत्र लिखकर कहा था कि मेरे कई बार चेतावनी देने पर भी चंद्रशेखर रावण को अपमानित किया गया। जिससे नाराज होकर दलित वोट गठबंधन से हटकर भाजपा में चला गया और सपा-रालोद गठबंधन को नुकसान हुआ। उन्होंने लिखा था कि आपने (जयंत) तथा अखिलेश ने सुप्रीमो कल्चर को अपनाते हुए संगठन को दरकिनार कर दिया। कार्यकर्ता लखनऊ व दिल्ली में आप तथा अखिलेश जी के चरणों में पड़े रहे और चुनाव की कोई तैयारी नहीं हो सकी। डा. मसूद अहमद ने उस समय जयंत सिंह चौधरी पर पैसे देकर टिकट देने का भी आरोप लगाया था।

    अंकुर सक्सेना ने भी रालोद को छोड़ा

    राष्ट्रीय लोकदल से करीब दो दशक से जुड़े अंकुर सक्सेना ने भी पार्टी को छोड़ दिया है। अंकुर सक्सेना ने भी पार्टी में उपेक्षा से आहत होकर इस्तीफा दे दिया है। सक्सेना ने पत्र में लिखा है कि पार्टी की पिछले दो दशक से निरंतर सेवा में समर्पित रहा। इस दौरान अवध क्षेत्र में पार्टी को स्थापित करने का भी काम किया। पार्टी की नीतियों को सभी जगह जनसामान्य तक पहुंचाने का भी काम किया, लेकिन अब तो केन्द्रीय नेतृत्व, प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकायों का फोन उठाने या जबाव देने में भी असहज महसूस करता है। उस दल की विचारधारा में एक कार्यकर्ता के रूप में काम करना संभव नहीं रह गया है। इसी कारण तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तथा सभी प्रकार के दायित्व से इस्तीफा दे रहा हूं।