Stray Dogs: अब कुत्तों को सड़क पर खाना खिलाना पड़ेगा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
कानपुर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। शहर में लगभग 1.30 लाख कुत्ते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कुत्तों को नसबंदी के बाद वापस उसी स्थान पर छोड़ना है सिवाय रैबीज संक्रमित या आक्रामक कुत्तों के। कुत्तों को खाना खिलाने के लिए विशेष स्थान बनाए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। आवारा कुत्तों का दिनों दिन आतंक बढ़ता जा रहा है। पार्क, अस्पताल, कार्यालय, सड़क व गलियों तक कुत्तों के आतंक का पर्याप्त बन चुका है। इसके चलते लोगों का निकलना और घूमना दूभर हो गया है। शहर में 1.30 लाख कुत्तों ने शहरवासियों का जीना दूभर कर दिया है।
हालत यह है कि खूंखार कुत्तों के कारण रात में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। वाहनों के हार्न सुनते ही दोपहिया वाहन चालकों पर हमला कर देते है। अब तक दर्जन लोग गिरकर चुटहिल हो चुके है।
कई इलाकों में लोग रात में निकलने से घबराते है। दर्शनपुरवा, गांधीनगर, मरियमपुर, पीरोड, रामबाग, कौशलपुरी, गुमटी नंबर पांच, सर्वोदय. नगर, तिलक नगर, नवाबगंज, विष्णुपुरी, रावतपुर, परमट,.स्वरूप नगर, आर्यनगर, परमट, ग्वालटोली, फजलगंज, भैरोघाट, बर्रा दो , गोविंदनगर, जवाहर नगर, समेत कई इलाकों में कुत्तों के दहशत के कारण रात में निकलने से लोग कतराते है।
दिनों दिन कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोगों को लिए राहत बन सकता है।हालांकि पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि कुत्तों की नसबंदी कराने के साथ ही शेल्टर होम में रखा जाए। अब फिर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि जहां से कुत्तों को पकड़े वहीं पर छोड़ा जाए।
स्थानांतरण उन कुत्तों पर लागू नहीं होगा जो रैबीज से संक्रमित हैं या जिनमें रैबीज के संक्रमण का संदेह है और जो आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित कर रहे हैं। साथ ही आवारा कुत्तों को भोजन देने के लिए विशेष स्थान बनाए जाए। कुत्तों को सड़कों पर भोजन देने की अनुमति नहीं होगी।
इसमें कहा गया कि निर्धारित भोजन देने के क्षेत्रों के पास नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे, जिसमें उल्लेख होगा कि बेजुबान कुत्तों को केवल ऐसे क्षेत्रों में ही भोजन दिया जाएगा। कुत्तों को भोजन देते पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अब संकट यह है कि नगर निगम कैसे पहचानेगा कि कौन सा कुत्ता रैबीज संक्रमित या खतरनाक है। ऐसे में यह चिह्नित करना मुश्किल होगा। वर्तमान समय में शहर में दो एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर किशनपुर और फूलबाग में चलाए जा रहे है। इसमें रोज 60 कुत्तों का नसबंदी हो रही है। नगर निगम का दावा है कि 35 हजार कुत्तों की नसबंदी पांच साल में हुई है। इस हिसाब से 10 साल लग जाएगे।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा आरके निरंजन को आदेश दिए है कि तेजी से नसबंदी करायी जाए। नगर आयुक्त के आदेश पर कैटल कैचिंग विभाग द्वारा कुत्तों के निश्शुल्क टीकाकरण के लिए शिविर लगाया गया है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि किशनपुर में अभी 50 कुत्तों के रखने के लिए शेल्टर होम बनाया गया है। इसमें संक्रमित रैबीज, खूंखार और पागल कुत्तों को रखा जाता है। वर्तमान समय में 18 कुत्ते है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत और सौ कुत्तों के लिए शेल्टर होम का निर्माण कराया जाएगा।
साथ ही पशु प्रेमियों के साथ बैठक करके कुत्तों के भोजन के लिए स्थान तय किए जाएगे। साथ ही बोर्ड भी लगाए जाएगे।ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कुत्तों को आसानी से खाना मिल सके। रोक के बाद भी कुत्तों को खाना खिलाने के बाबत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कुत्तों को पकड़ने के लिए पांच टीमें बनी है।
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