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    UP News: सरकारी अस्पतालों में जरूरत पड़ने पर बुलाए जाएंगे डॉक्टर, मिलेंगे दो से चार हजार; यात्रा भत्ता अलग से

    Updated: Sat, 03 Aug 2024 08:47 PM (IST)

    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सरकारी अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को अच्छा उपचार मिले इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। अब सरकारी ...और पढ़ें

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    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक - फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब सरकारी अस्पतालों में जरूरत पड़ने पर आनकाल डाक्टर बुलाए जाएंगे। ऐसे महिला अस्पताल व संयुक्त चिकित्सालय जहां पर सिर्फ एक ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व निश्चेतक (एनेस्थेटिक्स) तैनात हैं, वहां इन्हें जरूरत पड़ने पर फोन कर बुलाया जाएगा। एक बार अस्पताल आने पर इन्हें दो हजार रुपये से लेकर चार हजार रुपये तक पारिश्रमिक इन्हें दिया जाएगा। एक हजार रुपये इन्हें यात्रा भत्ता और उसके बाद फालाेअप के लिए रोगी को देखने आने पर 1,500 रुपये भत्ता दिया जाएगा।

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    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सभी जिलों के लिए कुल 1.41 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया गया है। प्रसव के लिए आ रही गर्भवती को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। बेहतर उपचार की सुविधा दिलाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। सरकारी अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को अच्छा उपचार मिले इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

    एक हजार रुपये यात्रा भत्ता 

    नियमित, संविदा व निजी स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सकों व निश्चेतकों को सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे के दौरान बुलाने पर दो हजार रुपये पारिश्रमिक दिया जाएगा। ऐसे ही इन दोनों को ही रात्रि आठ बजे से सुबह आठ बजे के दौरान बुलाने पर चार हजार रुपये पाश्रिमिक दिया जाएगा। एक हजार रुपये यात्रा भत्ता अलग से दिया जाएगा।

    वहीं फालोअप में रोगी को देखने के लिए आने वाली स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों को प्रति विजिट 1,500 रुपये दिए जाएंगे। प्रदेश में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए यह उपाय किए गए हैं। चिकित्सकों के 18,500 पदों में से सिर्फ 11,500 पद ही भरे हुए हैं। ऐसे में डाक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई है। संविदा पर वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से रिटायर डाक्टरों को संविदा पर रखा जा रहा है।

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