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    यहां संगीत से डॉक्टरों का 'इलाज', किसी के लिए सुकून तो कहीं एंटी डिप्रेशन बना म्यूजिक

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 05 Jul 2018 08:31 PM (IST)

    केजीएमयू के कलाम सेंटर में भावातीत ध्यान, नृत्य, गायन और वादन की कक्षाएं। पढ़ाई और मरीजों के साथ व्यस्तम दिनचर्या के बीच सुकून के पल।

    यहां संगीत से डॉक्टरों का 'इलाज', किसी के लिए सुकून तो कहीं एंटी डिप्रेशन बना म्यूजिक

    लखनऊ[दुर्गा शर्मा]। स्वर लहरियां जो दीप जला दें। मेघ बरसा दें। वीराने को आबाद करें। जीवन में नित्य नया सुरमय नाद करें। सिर्फ मानसिक सुकून नहीं संगीत शारीरिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। कई रोगों से निजात के लिए संगीत चिकित्सा पद्धति कारगर है। केजीएमयू में संगीत से डॉक्टरों के 'इलाज' की अनूठी क्लास चल रही है। यह इन्हें पढ़ाई और मरीजों के व्यस्तम दिनचर्या के बीच सुकून के पल दे रहा है। कलाम सेंटर में रोजाना चार से छह बजे तक यहां संगीत की कक्षाएं चलती हैं। इसमें डॉक्टर गायन, वादन और नृत्य विधा सीख रहे हैं। इसके साथ ही भावातीत ध्यान का 15-15 दिन का सेशन भी होता है। दरअसल, महर्षि विश्वविद्यालय और केजीएमयू के बीच पांच वर्ष का एमओयू हुआ है। इसी के तहत यहां संगीत कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

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    सुकून देती है गायिकी :

    आलिया सिद्दीकी

    डिप्लोमा इन रेडियोथेरेपी, फ‌र्स्ट ईयर, केजीएमयू

    प्रशिक्षण : गायन एटा की मूल निवासी आलिया सिद्दीकी की दादी गाती थीं। उन्हें देखकर आलिया ने भी गुनगुनाना शुरू किया। छोटे शहर में संगीत सीखने के विकल्प कम थे। फिर पढ़ाई के बीच संगीत पीछे छूट गया। अब कैंपस में ही संगीत से जुड़ने का सुनहरा मौका मिला है। आलिया कहती हैं, यह तनाव दूर करने में सहायक है।

    शारीरिक चुस्ती में सहायक नृत्य :

    एमडी (फिजियोलोजी), फ‌र्स्ट ईयर

    नृत्य का प्रशिक्षण ले रहे गोमती नगर निवासी डॉ. स्नेह सुमन कहती हैं, पारिवारिक समारोह या अन्य जगहों पर सबको डांस करते देखा है। मैं ही नहीं कर पाती थी। कैंपस में वर्कशॉप का पता चलते हैं डांस क्लास ज्वाइन कर ली। वेस्टर्न डांस सीख रही हूं। यह शारीरिक चुस्ती में भी सहायक है। एंटी डिप्रेशन है म्यूजिक :

    एमडी (फिजियोलोजी), फ‌र्स्ट ईयर

    मड़ियांव निवासी डॉ. रितु तिवारी गिटार का प्रशिक्षण ले रहीं हैं। यह कहती हैं, बचपन से मां को गुनगुनाते सुना है। मुझे भी म्यूजिक का शौक रहा है, पर व्यस्त दिनचर्या के बीच समय नहीं मिल पाता। म्यूजिक एंटी डिप्रेशन की तरह काम करता है। स्ट्रेस बस्टर का काम :

    एमडी (फिजियोलोजी), फ‌र्स्ट ईयर

    गाजियाबाद निवासी डॉ. अभिनव गायन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह कहते हैं, गिटार प्ले करता था। अब वोकल क्लास ज्वाइन की है। अब तक सरगम और एक फिल्मी गाना 'लग जा गले..' सीखा है। जब भी समय मिलता है संगीत अभ्यास करता हूं। म्यूजिक स्ट्रेस बस्टर है। वाद्य यंत्रों संग राहत के पल :

    एमडी (फिजियोलोजी), फ‌र्स्ट ईयर

    गोरखपुर के मूल निवासी डॉ. अभिषेक वोकल, की-बोर्ड का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह कहते हैं, ननिहाल में संगीत का माहौल मिला है। रुचि तो हमेशा रही पर प्रशिक्षण कभी नहीं ले सके। अब मौका मिला। गायिकी और वाद्य यंत्रों संग राहत के पल मिलते हैं।

    सारा तनाव भूल जाते हैं :

    एमबीबीएस, थर्ड ईयर

    मथुरा की रहने वालीं शुंभागी गोयल गिटार का प्रशिक्षण ले रहीं हैं। यह कहती हैं, गाने सुनने और गुनगुनाने का शौक रहा है। वर्कशॉप के लिए गिटार खरीदा। जब तक म्यूजिक क्लास करते हैं, बाकी सारा तनाव भूल जाते हैं।

    कर्मचारी भी करते क्लास :

    अवधराज कलाम सेंटर में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। संगीत प्रेमी हैं। वर्कशॉप शुरू हुई थी तो पहले विद्यार्थी यही रहे हैं। रामलीला आदि भी करते हैं। कार्यशाला में हारमोनियम सीख रहे हैं।

    संगीत कक्षाओं के गुरु :

    विभा तिवारी : 1993 से संगीत साधना कर रही हैं। निपुण (गायन) के बाद एमए (गायन) किया। कार्यशाला में गायन, हारमोनियम और की-बोर्ड पर सुरों को साधना सीखा रही हैं।

    पवन तिवारी : 25 सालों से कला संसार से जुड़े हैं। तबले में निपुण के बाद एमए किया। कार्यशाला में तबला सीखा रहे हैं।

    मानसी प्रिया : कथक (निपुण) कर रही हैं।

    विनीत सिंह : गिटार

    अजया श्रीवास्तव : महर्षि महेश योगी द्वारा अवगत कराए गए तनाव दूर करने की स्वाभाविक पद्धति भावातीत ध्यान का प्रशिक्षण।

    म्यूजिक थेरेपी को जानें:

    संगीत मन को सुकून देने के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात में भी सहायक है। इस पद्धति को म्यूजिक थेरेपी कहते हैं। यह तनाव और अवसाद दूर करने में सहायक है। आजकल ऑपरेशन के दौरान दर्द को कम करने में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। सिर पर गंभीर चोट और अन्य मानसिक रोगों में रिकवरी के तौर पर भी म्यूजिक थेरेपी कारगर है। संगीत का जादू :

    - संगीत अकेलेपन को दूर करता है। बैचेनी कम होती है।

    - ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाता है।

    - दर्द में राहत भी देता है।

    - संगीत सुनना हृदय के लिए फायदेमंद है।

    - अनिद्रा को दूर करने में कारगर है।

    - संगीत सुनने के दौरान नसें और मांसपेशियां आराम की मुद्रा में चली जाती हैं।

    - सकारात्मकता बढ़ाने में भी संगीत का अहम योगदान है।

    - सांस से जुड़ीं बीमारियों के इलाज के लिए सिंगिंग थेरेपी खास है।

    - हकलाने और बोलने में दिक्कत आदि में भी वोकल थेरेपी कारगर है।

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