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    एफआरयू पर डॉक्टर दंपतियों को एक साथ काम करने का मौका, स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 24-24 पदों के लिए मांगे आवेदन

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दंपतियों को एक साथ काम करने का अवसर दिया है। परिवार कल्याण निदेशालय (एफआरयू) में 24-24 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस पहल से डॉक्टर दंपतियों को अलग-अलग स्थानों पर नौकरी करने की समस्या से निजात मिलेगी और वे अपने परिवार के साथ रहकर काम कर सकेंगे। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। इच्छुक डॉक्टर दंपति स्वास्थ्य महानिदेशालय की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएचएस) के डाक्टरों को आपातकालीन प्रसूति देखभाल (ईमाक) और जीवन रक्षक एनेस्थीसिया कौशल (एलएसएएस) का प्रशिक्षण देगा। छह माह के प्रशिक्षण का बैच एक जनवरी 2026 से शुरू होगा। प्रशिक्षण के बाद इन डाक्टर की तैनाती प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) पर की जाएगी। आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है।

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    महानिदेशक परिवार कल्याण एवं प्रशिक्षण डा.पवन कुमार अरुण ने बताया कि 24-24 पदों के लिए ईमाक व एलएसएएस प्रशिक्षण होना है। एमबीबीएस डाक्टर ही इसमें आवेदन कर सकते हैं। सुरक्षित प्रसव और नवजात को बेहतर इलाज की सुविधा के लिए ये प्रशिक्षण दिया जाता है।

    साल में दो बार होने वाले इस प्रशिक्षण में ऐसे डाक्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पति-पत्नी हैं और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे दंपतियों को एक ही एफआरयू में तैनाती का मौका दिया जाएगा। डाक्टर पति-पत्नी जोड़ी बनाकर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के माध्यम से नाम भेजे जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद निष्क्रिय एफआरयू को क्रियाशील करने की जिम्मेदारी डाक्टरों को दी जाएगी।

    महानिदेशक प्रशिक्षण ने बताया कि जो चिकित्सक दो साल तक एफआरयू पर संतोषजनक सेवाएं देंगे, उन्हें जरूरत पड़ने पर जिला स्तरीय अस्पतालों में प्राथमिकता पर तैनाती दी जाएगी। प्रशिक्षण के बाद यदि डाक्टर एफआरयू पर ड्यूटी नहीं करेंगे, तो उनके वेतन से प्रशिक्षण की राशि आठ लाख रुपये वसूली जाएगी।

    यदि नियमित डाक्टर प्रशिक्षण के लिए नहीं उपलब्ध होंगे तो संविदा डाक्टरों को मौका दिया जाएगा। ईमाक और एलएसएएस प्रशिक्षण महिला या पुरुष दोनों ही डाक्टर कर सकते हैं, लेकिन ईमाक के लिए महिला डाक्टर को प्राथमिकता दी जाएगी।