आंख और नाक की हड्डी में लगी चोट को न करें नजरअंदाज, हो सकती है गंभीर समस्या
KGMU केजीएमयू और एसोसिएशन आफ ट्रामा ओरल एंड मैक्सिलोफेशल सर्जंन्स की ओर से आयोजित मैक्सिलोफेशियल ट्रामा गैलरी-2022 कार्यशाला में चेहरे में चोट से हड्डी टूटने पर उसके इलाज में आने वाली चुनौतियां के बारे में चर्चा की गई।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में हुई कार्यशाला में ट्रामा सेंटर के अधीक्षक प्रो. संदीप तिवारी ने बताया कि दुर्घटना में आंख और नाक के बीच की हड्डी टूट जाने की स्थिति में इलाज में बहुत सतर्कता बरतनी होती है क्योंकि यह हड्डी सीधे मस्तिष्क से जुड़ी होती है।
केजीएमयू और एसोसिएशन आफ ट्रामा ओरल एंड मैक्सिलोफेशल सर्जंन्स की ओर से आयोजित मैक्सिलोफेशियल ट्रामा गैलरी-2022 कार्यशाला में चेहरे में चोट से हड्डी टूटने पर उसके इलाज में आने वाली चुनौतियां के बारे में चर्चा की गई। इस कार्यशाला में मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के अलावा ट्रामा, एनाटमी और ईएनटी समेत कई विभागों के विशेषज्ञ शामिल हुए। मुख्य अतिथि केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी ने कहा कि समय-समय पर नई तकनीक के बारे में प्रशिक्षण मरीजों के इलाज में बेहतरी लाती है।
कार्यशाला में एनेस्थीसिया विभाग के डा. प्रेम राज और डा. रजत जैन ने एक शव के गले में नली डालने का अभ्यास कराया गया। इसमें लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया समापन समारोह में कार्यशाला में आयोजित की गई पेपर एवं पोस्टर प्रतियोगिता के लिए विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
रेस्पिरेट्री विभाग में लगेगी आधुनिक एक्स–रे मशीनः केजीएमयू के रेस्पिरेट्री विभाग के मरीजों के लिए रेडियोलोजी विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस लगभग 70 लाख रुपए की एक आधुनिक एक्स–रे मशीन लगाई जा रही है। सांस संबंधी मरीजों के फेफड़े से संबंधित कई तरह की समस्या को पहचानने में भी यह सक्षम है। यह जांच रिपोर्ट के साथ बीमारी का ब्यौरा भी देगी। केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी ने बताया कि यह मशीन पूर्व की मशीनों से ज्यादा सटीक तरीके से जांच करने में सक्षम है। इस मशीन की सहायता से डाक्टरों और मरीजों के समय की भी बचत होगी।

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