Georgia Queen Story: डीएनए जांच में हुआ जॉर्जिया की रानी की हत्या का पर्दाफाश, 390 साल बाद खुला राज
भारतीय वैज्ञानिकों ने डीएनए जांच की मदद से 390 साल पहले जार्जिया की रानी केतेवन की हत्या का राज खोला। ईरान के राजा ने रानी को इस्लाम अपनाने को कहा इनकार करने पर उन्हें मार डाला गया। भारत में डीएनए मिलान से हत्या का रहस्य उजागर हुआ। विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों के प्रति आगाह किया और डेटा सुरक्षा पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारतीय वैज्ञानिक ने डीएनए की जांच व कार्बन डेटिंग से 390 वर्षों बाद जार्जिया की रानी केतेवन की हत्या का राजफाश किया था। ईरान के तत्कालीन राजा शाह अब्बास ने जार्जिया की रानी को कैद कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए कहा, रानी ने मना कर दिया तो यातनाएं देकर उसकी हत्या कर शव के कई टुकड़े अलग-अलग स्थानों पर दफना दिए गए।
जार्जिया सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने गोवा की एक चर्च की खोदाई कराई, तो एक हाथ की हड़्डी मिली। इसके बाद भारतीय वैज्ञानिक डा. नीरज राय ने डीएनए मैच शुरू किया। दुनिया भर के 50 हजार डीएनए मैच कराने के बाद तीन सैंपल से हड्डी का डीएनए मैच हुआ। इसके बाद जार्जिया के उक्त तीन डीएनए का इतिहास पता किया तो रानी की हत्या का राजफाश हुआ और उन्हें न्याय मिल सका।
लखनऊ में स्थित फारेंसिक विज्ञान संस्थान (यूपीएसआइएफएस) में साइबर युद्ध के आयाम, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे,फारेंसिक और रणनीतिक प्रतिकार विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट में उन्होंने बताया कि डीएनए मैच से अमेरिका में 13 हत्याएं और 50 से ज्यादा दुष्कर्म करने वाले गोल्डेन स्टेट सीरियल किलर के नाम से प्रसिद्ध पुलिस अफसर जोसफ जेम्स डिएंगेलो को भी गिरफ्तार किया गया था।
फारेंसिक विज्ञान की मदद से त्वचा, दांत व आंखों के रंग तथा शारीरिक बनावट से अपराधी का पता लगाया जा सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि डिजिटल दुनिया में अब लोगों को निश्शुल्क सेवा की आदत छोड़कर साइबर सुरक्षा के टूल्स का इस्तेमाल करना होगा।
सेवानिवृत्त जस्टिस तलवंत सिंह ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले के आरोपी कसाब के मामले में इंटरनेट ट्रांस्क्रिप्ट्स का उपयोग दोषसिद्धि में काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ था। आइपीएस अमित कुमार ने कहा कि किसी भी कंपनी या फर्म को अपना पर्सनल डाटा न दें।
एडवोकेट आकांक्षा भट्ट ने कहा कि आप अपने पर्सनल डाटा को अपने पैसों की तरह सुरक्षित रखने की आदत डालें। चर्चित श्रृद्धा हत्याकांड व हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले को फारेंसिक जांच से हल करने वाली डा.श्रुति ने बताया कि अब यूपीएसआइएफएस में एशिया की सबसे आधुनिक डीएनए जांच लैब तैयार हो चुकी है।
सुरक्षित नहीं है कोई भी बैंक खाता
दिल्ली के साइबर विशेषज्ञ डा.अमित दुबे ने बताया कि कोई भी बैंक खाता सुरक्षित नहीं है। ओटीपी तो बहाना है, साइबर अपराधी हमसे एक कदम आगे चलते हैं। पुलिस के साथ-साथ लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। इंटरनेट मीडिया पर रील देखते समय सावधान रहें।
एआइ आपकी हर गतिविधि पर नजर रखता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के एक शहर में फोन हैकिंग के मामले में पुलिस ने उनसे मदद मांगी तो एक परिवार के सभी फोन की जांच के बाद पता चला कि उसी परिवार के नौ वर्ष के लड़के ने एक एप्लीकेशन के माध्यम से हैकर बनकर पूरे परिवार को परेशान कर रहा था।
बिना इजाजत डाटा इस्तेमाल करने पर लग सकता है 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
फारेंसिक विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. जीके गोस्वामी ने कहा कि भारत सरकार ने डीपीडीपी (डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन) एक्ट तैयार किया है। अगर किसी भी व्यक्ति का पर्सनल डाटा उसकी इजाजत के बिना कोई भी इस्तेमाल करता है तो उसके ऊपर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रविधान किया जा रहा है।
जागरूक नहीं हुए तो हो सकते हैं डिजिटल मर्डर
समिट में विशेषज्ञों ने कहा कि अभी डिजिटल अरेस्ट का दौर चल रहा है। इसके बाद डिजिटल मर्डर भी हो सकते हैं। हैकर आसानी के साथ अस्पताल की साइट हैक करके किसी भी व्यक्ति की दवाइयों की सूची बदल सकते हैं। ब्लड बैंक हैक करके मरीज की खून की जांच रिपोर्ट बदल सकते हैं।
डार्क वेब पर क्रिप्टोकरेंसी बन रही है अवैध गतिविधियों का हिस्सा
कर्नल नीतीश भटनागर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पहले एक तकनीकी नवाचार था, अब डार्क वेब पर अवैध गतिविधियों का अहम हिस्सा बन चुकी है। आमिर ने बताया कि डार्क वेब पर हैकर डेटा बेचने के साथ-साथ मानव तस्करी और ड्रग ट्रैफिकिंग जैसे अपराध को भी अंजाम दे रहे हैं।
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