उत्तर प्रदेश में दीए पर सियासत तेज, अखिलेश यादव के इस बयान से भड़की सियासी लौ
दीपावली के बीच, अखिलेश यादव के दीयों पर दिए बयान से सियासत गरमा गई है। भाजपा ने इसे हिंदू आस्था पर हमला बताया है। अखिलेश ने कहा था कि दीयों पर खर्च क्यों करना, उनकी सरकार आने पर बेहतर रोशनी होगी। भाजपा ने इसे स्वदेशी भावना और कुम्हार समाज के रोजगार पर प्रहार बताया। बाद में अखिलेश ने 2027 में प्रजापति समाज से दीये खरीदने की बात कही।
-1760903737210.webp)
शोभित श्रीवास्तव, लखनऊ। दीपावली की रौनक के बीच दीयों पर सियासत शुरू हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दीये व मोमबत्ती पर दिए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में सियासी लौ भड़का दी है। भाजपा ने इसे तुरंत हिंदू आस्था पर हमला बताकर सपा प्रमुख के खिलाफ सियासी मोर्चा खोल दिया है। इसे स्वदेशी भावना और कुम्हार समाज के रोजगार पर सीधा प्रहार बताया है।
दरअसल, अखिलेश ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था, 'पूरी दुनिया में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं, और यह सिलसिला महीनों तक चलता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्ती पर क्यों खर्च करना? इसे हटा देना चाहिए। हमारी सरकार आएगी तो बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।'
इसी बयान पर रविवार को भाजपा ने उन्हें घेर लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा, 'अखिलेश की सनातन विरोधी मानसिकता एक बार फिर सामने आई है। जो व्यक्ति दीपावली के दीयों को पैसों की बर्बादी कहे, वह हिंदू संस्कृति की आत्मा को नहीं समझ सकता। सपा सरकार में कब्रिस्तानों की बाउंड्री पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाले अखिलेश को तब खर्च याद नहीं आया।'
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा, 'दीपदान भारतीय संस्कृति की आत्मा है, यह प्रकाश और आस्था का प्रतीक है। अखिलेश के बयान से न केवल हिंदू भावनाएं आहत हुई हैं बल्कि प्रजापति समाज, जो मिट्टी के दीये बनाता है, उसके रोजगार पर भी चोट पहुंची है। उन्हें तत्काल माफी मांगनी चाहिए।'
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'अखिलेश का बयान भारतीय संस्कृति, स्वदेशी और सनातन परंपरा तीनों के प्रति अवमानना दिखाता है। भारत के लिए गर्व की बात रही है कि यहां इतनी समृद्धि थी कि घी के दीयों की कतारें जगमगाती थीं। यह वही घी है जो गाय, जिसे हम माता मानते हैं से प्राप्त होता है। इस गौरवशाली परंपरा को नीचा दिखाना निंदनीय है। आज चंद कट्टरपंथियों के वोट पाने के लिए ऐसा कहना दुर्भाग्य है।'
भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'यह बयान अखिलेश के असली चेहरे को बेनकाब करता है। पीडीए की राजनीति करने वाले अखिलेश ने कहा है कि उनकी सरकार आने पर दीपोत्सव बंद किया जाएगा और शहरों को बिजली से रोशन किया जाएगा। सब जानते हैं कि इस ‘बिजली की रोशनी’ से किस कौम को फायदा होगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'चाइनीज एलईडी से देश के आत्मनिर्भर भारत अभियान को नुकसान होगा और हमारी परंपरा पर चोट पड़ेगी। सबसे बड़ा नुकसान तो कुम्हार समाज का होगा, जो मिट्टी के दीये बनाकर अपना गुजारा करते हैं। सपा मुखिया ने उनके पेट पर लात मारी है। ओबीसी समाज इस अपमान का जवाब ज़रूर देगा।'
वहीं, सपा अध्यक्ष ने भाजपा के हमलों को देख रविवार को यू-टर्न लेते हुए कहा कि 2027 की दीपावली में जब पीडीए की सरकार बनेगी, तब वह प्रजापति समाज से करोड़ों रुपये के दीपक खरीदेगी। भाजपा सरकार दूर के तटीय राज्यों के लोगों को दीये बनाने के ठेके देकर प्रदेश के प्रजापति समाज का हक मार रही है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दीपोत्सव के ठेकों में प्रदेश के लोगों की उपेक्षा करके भाजपा ‘दीया तले अंधेरा’ करने का पाप न करे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।