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    यूपी में पैतृक संपत्ति का बंटवारा हो गया आसान, सिर्फ इतना शुल्क लगेगा; योगी कैबिनेट में फैसला

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 04:22 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में पैतृक संपत्ति के विभाजन पर अब केवल 10 हजार रुपये का खर्च आएगा। योगी सरकार ने स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क में छूट दी है। अब पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये निबंधन शुल्क लगेगा। इस फैसले से संपत्ति विवाद कम होने की उम्मीद है और लोगों को राहत मिलेगी। सरकार जल्द ही शासनादेश जारी करेगी।

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    पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब 10 हजार रुपये के खर्चे में।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। संयुक्त पारिवारिक संपत्ति (पैतृक संपत्ति) के विभाजन पर अब अधिकतम 10 हजार रुपये ही खर्च होंगे। विभाजन की पक्की लिखा-पढ़ी के लिए पांच हजार रुपये बतौर स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये निबंधन शुल्क देना होगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्टांप एवं निबंधन विभाग के स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क में छूट देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। जल्द ही शासनादेश जारी होते ही छूट की सुविधा का लाभ उठाया जा सकेगा।

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    पारिवारिक संबंधियों के बीच होने वाले बंटवारे(विभाजन) विलेख(डीड) पर अभी स्टांप ड्यूटी संपत्ति के मूल्य पर बांड विलेख की तरह चार प्रतिशत लगती है। इसके साथ ही निबंधन शुल्क भी एक प्रतिशत देना पड़ता है।

    सरकार का मानना है कि इस तरह से भारी-भरकम खर्च को देखते हुए ज्यादातर मामलों में विभाजन डीड न कराए जाने पर संपत्ति को लेकर न्यायालय में विवाद बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए योगी कैबिनेट ने चार पीढ़ियों तक की किसी भी मूल्य की संपत्ति के बंटवारे के लिए एक समान पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये ही निबंधन शुल्क तय किया है।

    कैबिनेट की बैठक के बाद स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि जल्द ही संबंधित शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। शासनादेश होते ही 10 हजार रुपये के खर्च पर सपत्ति के बंटवारे की पक्की लिखा-पढ़ी कराई जा सकेगी।

    जायसवाल ने कहा कि स्टांप व निबंधन शुल्क में भारी-भरकम छूट देने से विभाजन विलेख के पंजीकरण बढ़ेंगे। ऐसे में पारिवारिक विवाद घटेंगे जिससे दीवानी व राजस्व न्यायालयों में मुकदमें घटेंगे। उल्लेखनीय है कि विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं।

    संपत्ति का विभाजन उनके बीच ही होता है। विभाजन विलेख में स्टांप व निबंधन शुल्क की छूट एक ही मृतक व्यक्ति की संपत्ति का उसके सभी वंशजों (सह स्वामी) के बीच बंटवारे पर मिलेगी।

    छूट से 6.39 करोड़ रुपये घटेगा राजस्व

    तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान व मध्य प्रदेश आदि राज्यों की तरह प्रदेशवासियों को पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क में छूट देने से सरकार को 6.39 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होने की आशंका है।

    इसमें से 5.59 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी व 80.68 लाख रुपये निबंधन शुल्क से घटने का अनुमान है। हालांकि, विभागीय मंत्री रवीन्द्र जायसवाल का कहना है कि छूट देने से विभाजन विलेख के रजिस्ट्रीकरण को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलेगा।

    संयुक्त या अविभाजित संपत्ति के सहस्वामियों को विभाजित संपत्ति पर स्वामित्व मिलेगा। ऐसे में उनके द्वारा विभाजित संपत्ति के अपने हिस्से को बेचने आदि पर सरकार का स्टांप राजस्व बढ़ेगा ही।

    जायसवाल बताते हैं कि प्रदेश में जितनी बड़ी संख्या में पारिवारिक संपत्ति के विवाद सामने आते हैं उनके सापेक्ष पंजीकृत विभाजन विलेखों की संख्या बेहद कम है। राजस्व हानि से बड़ी बात यह है कि सरकार के इस निर्णय से प्रदेशवासियों को संपत्ति विवाद के झंझट से बड़ी राहत मिलेगी।