Dhannipur Masjid Ayodhya: अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद का नया डिजाइन तैयार, दिसंबर में पास कराया जाएगा नक्शा
Dhannipur Masjid Ayodhya धन्नीपुर मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष और मुख्य न्यासी तथा उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी के मुताबिक मस्जिद का नया नक्शा लगभग तैयार है। यह नक्शा पूरी तरह पारंपरिक शैली पर है जिसमें चार मीनारें और एक गुंबद होगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का नया डिजाइन तैयार कर लिया गया है। दिसंबर में मस्जिद के इस नक्शे (डिजाइन) को स्वीकृत कराने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में प्रस्तुत किया जाएगा। यह नक्शा पूरी तरह पारंपरिक शैली पर है, जिसमें चार मीनारें और एक गुंबद होगा।
धन्नीपुर मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष और मुख्य न्यासी तथा उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी के मुताबिक मस्जिद का नया नक्शा लगभग तैयार है। यह डिजाइन पूर्व में तैयार डिजाइन से एकदम अलग है। पूरी पारंपरिक शैली से यह डिजाइन तैयार की जा रही है।
मस्जिद में एक साथ करीब दो हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। परिसर में हास्पिटल भी होगा। लंगर के लिए भी जगह होगी। एक छोटा सा गेस्ट हाऊस भी बनाया जाएगा। मस्जिद ट्रस्ट के मुख्य न्यासी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बताया कि पुराने डिजाइन से लोग खुश भी नहीं थे। अगले एक दो महीने में हम डिजाइन अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा पास करवाने के लिए जमा करेंगे।
मीनारें और एक पारंपरिक गुंबद
उत्तर प्रदेश में अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का पुराना नक्शा खारिज होने के बाद नया डिजाइन तैयार कर लिया गया है। अब समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया नया डिजाइन पारंपरिक शैली में है। इसमें पांच मीनारें और एक पारंपरिक गुंबद है।
अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण (अविप्रा) से खारिज होने के बाद अब इसका नया डिजाइन तैयार किया गया है। मस्जिद का पहले का डिजाइन विदेशी शैली में था, जबकि अब समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया नया डिजाइन पारंपरिक शैली में है। इसमें पांच मीनारें और एक पारंपरिक गुंबद है।
मस्जिद के साथ ही लाइब्रेरी और अस्पताल भी बनवाने की थी योजना
जमीन पर मस्जिद के साथ ही लाइब्रेरी और अस्पताल भी बनवाने की योजना थी। विदेशी शैली में डिजाइन तैयार किया गया था। जानकारी के मुताबिक अविप्रा ने नक्शे पर अग्निशमन समेत कुछ अन्य विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने की वजह से खारिज कर दिया था। मस्जिद न्यास ने नक्शा पास करने के लिए 4.02 लाख रुपये जमा किए थे। मस्जिद का पुराना डिजाइन जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के वास्तुशिल्प विभाग के प्रो. एमएस अख्तर ने तैयार किया था।
पसंद नहीं आया था नक्शा
जुफर फारूकी ने बताया कि पुराने नक्शे पर एनओसी न मिलना कोई चिंता की बात नहीं है। लोगों को वह डिजाइन पसंद भी नहीं आ रहा था। दरअसल, वह काफी आधुनिक शैली में बना था। नए डिजाइन में पारंपरिक शैली होगी। कांच का कम इस्तेमाल होगा। ज्यादा आधुनिक और चमकदार बनाए जाने की अपेक्षा मस्जिद को पारंपरिक शैली में ही बनाया जाएगा, जिसमें मीनारें और गुंबद होगा।
गौरतलब है कि इस मस्जिद का नक्शा 2021 में बनाकर अयोध्या विकास प्राधिकरण में स्वीकृत करने के लिए प्रस्तुत किया गया था। उस नक्शे पर समाज के कुछ लोगों ने आपत्ति कर दी थी क्योंकि वह नक्शा पारंपरिक शैली में नहीं था। जिसकी वहज से ट्रस्ट उक्त नक्शे को स्वीकृत कराने से पीछे हट गया।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में फैसला सुनाया था। इसके तहत मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन दी गई है। 3 अगस्त 2020 को अयोध्या जिला प्रशासन ने मस्जिद पक्ष को अयोध्या नगर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।