Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CM योगी की नाराजगी के बाद वाहन चेकिंग को लेकर बड़ा फैसला..अब पेपर चेक नहीं करेगी UP पुलिस

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 28 Sep 2019 08:19 AM (IST)

    डीजीपी ओपी सिंह ने निर्देश दिया है कि पुलिसकर्मी गाड़ी के कागज चेक करने के लिए वाहन नहीं रोकेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर सिर्फ डीएल चेक किया जाएगा।

    Hero Image
    CM योगी की नाराजगी के बाद वाहन चेकिंग को लेकर बड़ा फैसला..अब पेपर चेक नहीं करेगी UP पुलिस

    लखनऊ, जेएनएन। वाहन चेकिंग के दौरान वसूली की बढ़ती शिकायतों के बाद आखिरकार डीजीपी ओपी सिंह को पुलिसकर्मियों की हदें तय करनी पड़ीं। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि पुलिसकर्मी गाड़ी के कागज चेक करने के लिए वाहन नहीं रोकेंगे। पुलिसकर्मी हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने वाले और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के सिर्फ डीएल (driving license) चेक करेंगे। डीजीपी ने प्रदेश के सभी एसएसपी/एसपी को इन निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पूर्व सभी एडीजी जोन के साथ हुई बैठक में कानून-व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चेकिंग के नाम पर लोगों को रोककर उनका उत्पीड़न किए जाने की बढ़ती शिकायतों पर कड़ी नाराजगी जताई थी। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिये थे। दरअसल, वाहन चेकिंग के दौरान प्रदूषण, आरसी (पंजीकरण प्रमाणपत्र) व बीमा जैसे कागज चेक करने के नाम पर पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। एमवी (मोटर व्हेकिल) एक्ट में जुर्माने की राशि बढ़ाए जाने के बाद पुलिसकर्मियों के भारी जुर्माने का हवाला देकर वाहन चालकों का उत्पीड़न करने के कई मामले भी सामने आये। ऐसी बढ़ती शिकायतों पर डीजीपी ने अधीनस्थों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।

    एम-परिवहन एप पर मौजूद दस्तावेज भी मान्य

    डीजीपी ने कहा है कि पुलिसकर्मी चेकिंग के दौरान डिजिटल लॉकर अथवा एम-परिवहन एप पर उपलब्ध वाहनों के अभिलेखों को वैध मानें। यह भी निर्देश दिया है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ समान, निष्पक्ष व पारदर्शी कार्रवाई की जाये। वसूली या उत्पीडऩ की शिकायत मिलने पर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।