विकसित यूपी के लिए 12 सेक्टर का फोकस एरिया तय, 15 दिनों में रोडमैप प्रस्तुत करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। 12 सेक्टरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नोडल विभागों को 15 दिनों में रोडमैप पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। नियोजन विभाग, नीति आयोग और डिलाइट संस्था मिलकर विस्तृत कार्ययोजना बनाएंगे। इस योजना में अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति जैसे विषयों को शामिल किया गया है, जिसका लक्ष्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को छह ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश-2047 विजन डाक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। 12 सेक्टर का फोकस एरिया तय करने के साथ ही अगले 15 दिनों के अंदर प्रत्येक सेक्टर का रोडमैप तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश नोडल विभागों को दिए गए हैं। सेक्टरों का रोडमैप तैयार हो जाने के बाद नियोजन विभाग व नीति आयोग के अधिकारियों के साथ ही संस्था डिलाइट के प्रतिनिधि विकसित उत्तर प्रदेश-2047 की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे।
नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के मुताबिक फोकस एरिया पर अब सेक्टरों के लिए तय नोडल विभाग के साथ बैठकें की जा रही हैं। इन बैठकों के साथ ही अगले 15 दिन में विभागों से सेक्टर का रोडमैप प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। कई विभागों के साथ बैठकें हो चुकी हैं।
गौरतलब है कि तीन थीम अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति तथा जीवन शक्ति को केंद्र में रखते हुए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। इसके लिए जिन 12 सेक्टर का चयन किया गया है जिनमें कृषि एवं संबद्ध सेक्टर, पशुधन संरक्षण सेक्टर, औद्योगिक विकास सेक्टर, आइटी एवं इमर्जिंग टेक्नालाजी सेक्टर, पर्यटन सेक्टर, नगर एवं ग्राम्य विकास सेक्टर, अवस्थापना सेक्टर, संतुलित विकास सेक्टर, समाज कल्याण सेक्टर, स्वास्थ्य सेक्टर, शिक्षा सेक्टर तथा सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर शामिल हैं।
स्वतंत्रता के 100वें वर्ष 2047 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को छह ट्रिलियन डालर का बनाने के लिए सरकार इन सेक्टरों के विकास का विस्तृत खाका तैयार करा रही है। जिसके आधार पर विकास की आगामी कार्ययोजनाएं बनाई जाएंगी। नए वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट में भी इसकी झलक देखने को मिलेगी।

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