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    यूपी में स्वास्थ्य व्‍यवस्‍थाओं की नब्ज टटोल रहे ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक, बोले- उपलब्ध संसाधन में ही दें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं

    By Prabhapunj MishraEdited By:
    Updated: Wed, 20 Apr 2022 02:20 PM (IST)

    उत्‍तर प्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के ल‍िए उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक इन द‍िनों अस्पताल और चिकित्सा संस्थानों का लगातार निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की नब्ज टटोल रहे हैं। अब उन्‍होंने उपलब्ध संसाधन में ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने की बात कही है।

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    ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा उपलब्ध संसाधन में ही दें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो । उत्‍तर प्रदेश में अस्पताल और चिकित्सा संस्थानों का लगातार निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की नब्ज टटोल रहे उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इशारा दे दिया है कि अव्यवस्थाओं के लिए संसाधन की कमी का बहाना न बनाया जाए।

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    सरकार अस्पतालों में बेड और मैनपावर बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है, लेकिन अभी जितने संसाधन उपलब्ध हैं, उतने में ही जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में लखनऊ के चिकित्सा संस्थानों के निदेशकों व सीएमएस के साथ बैठक की।

    उन्होंने अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने और उनके इलाज के संबंध में कई निर्देश दिए। कहा कि हमारा उद्देश्य है कि चिकित्सा संस्थानों में मौजूदा समय में उपलब्ध संसाधनों में ही प्रदेश की जनता को बेहतर से बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सरकार संस्थानों में बेड और मैनपावर बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

    उसके लिए हरसंभव प्रयास सरकार करेगी। पाठक ने निर्देशित किया कि चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध बेड की संख्या को आनलाइन और संस्थान के डिस्प्ले बोर्ड पर आवश्यक रूप से प्रदर्शित किया जाए, जिससे मरीजों और तीमारदारों को बेड उपलब्धता का पता चल सके। इसके साथ ही ओपीडी में डाक्टर के मिलने का समय भी डिस्प्ले किया जाए।

    साथ ही कहा कि प्रत्येक संस्थान के डाक्टर और अन्य स्टाफ मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। मरीज व उसके तीमारदार को यह महसूस भी होना चाहिए कि अच्छी देखभाल की जा रही है। बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, केजीएमयू के कुलपति डा. विपिन पुरी, एसजीपीजीआइ के निदेशक आरके धीमन और डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक डा. सोनिया नित्यानंद भी उपस्थित थीं।