डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हाईलेवल मीटिंग में दिए सख्त निर्देश, कहा- अस्पतालों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई हृदय विदारक घटना के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान ब्रजेश पाठक ने अस्पतालों में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मॉकड्रिल कराई जाएं उपकरणों की नियमित जांच हो और अस्पताल परिसर में स्क्रैप बिलकुल न हो।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की पुनरावृत्ति न हो। सभी अस्पतालों में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था रहे। समय-समय पर मॉकड्रिल कराई जाएं। उपकरणों की नियमित जांच हो। हर दिन चिकित्साधिकारी अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ अस्पताल परिसर का राउंड लें। कोताही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह निर्देश सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिए।
उन्होंने कहा कि झांसी की ह्रदय विदारक घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिजनों के साथ है। उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है। डिप्टी सीएम ने बैठक में कहा कि समय-समय पर अस्पताल परिसरों में फायर सेफ्टी ऑडिट कराए जाएं। इलेक्ट्रिक वायरिंग की नियमित जांच हो। हाइड्रेंट के पाइप भी देखे जाएं। उन्होंने कहा कि आग लगने की स्थिति में जब इलेक्ट्रिकल सप्लाई बंद कर दी जाती है तो अंधेरा हो जाता है। इससे निपटने के लिए इमरजेंसी बैटरी वाली लाइटें स्थापित की जाएं।
प्रशिक्षित कर्मचारी रहें तैनात
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि आईटी, आईसीयू, एनआईसीयू में अग्निशमन विभाग द्वारा प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों की आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में तैनाती की जाए। इन वॉर्डों के प्रवेश एवं निकास की उचित व्यवस्था रहे। धुआं निकालने के लिए एक्जॉस्ट फैन रहें। अस्पताल परिसर में स्क्रैप बिलकुल न हो। कबाड़ का तुरंत निस्तारण किया जाए।
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सीएचसी-पीएचसी पर भी हों साधन
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए कि जिला स्तरीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज के अलावा सीएचसी-पीएचसी पर भी अग्निशमन के पर्याप्त साधन रहें। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों को चेक लिस्ट भेज दी गई है। फायर अलार्म चेक किए जाएं। वॉर्डों के बाहर आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी सूचना पट पर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उपकरण ही वार्डों में स्थापित हों।
प्राइवेट अस्पतालों से करें संपर्क
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों से संपर्क कर वहां भी फायर सेफ्टी ऑडिट एवं मॉक ड्रिल कराई जाए। आमजन को उच्चस्तरीय एवं निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी दिशा में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बता दें कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीसीयू) वार्ड में हुए अग्निकांड में अब तक 12 नवजातों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दो नवजातों की मौत बर्न इंजरी से नहीं बल्कि बीमारी की वजह से हुई है। इस मामले में सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी एक्शन लिया है। एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है, जिसमें एक सप्ताह के भीतर लापरवाही पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
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