उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश, बोले- अस्पतालों में 24 घंटे मिले पैथोलाजी व रेडियोलाजी जांच की सुविधा
यूपी के अस्पतालों में 24 घंटे पैथोलाजी व रेडियोलाजी जांच की सुविधा के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी सरकारी अस्पतालों के सीएमएस-एमएस को निर्देश जारी किए हैं। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि ओपीडी मरीजों को वही दवा लिखी जाए जो अस्पताल में उपलब्ध हो।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Pathology And Radiology Test In UP उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी सरकारी अस्पतालों के मुख्य चिकित्साधिक्षकों (सीएमएस) व चिकित्साधिक्षकों (एमएस) को निर्देश दिए कि अस्पताल में 24 घंटे पैथोलाजी व रेडियोलाजी जांच (Pathology And Radiology Test) की सुविधा हर कीमत पर उपलब्ध कराई जाए।
सभी जांच उपकरण दुरुस्त रखें और खराब हुए उपकरणों को जल्द ठीक करवाने के लिए मुख्यालय से सीधे संपर्क करें। निजी पैथोलाजी व डायग्नोस्टिक सेंटर पर किसी भी कीमत पर मरीजों को जांच के लिए न भेजा जाए। उन्होंने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में सीएमएस व एमएस की पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कहा कि सरकारी अस्पतालों में आ रहे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि ओपीडी में आ रहे मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाएं ही डाक्टर लिखें। अस्पताल के दवा काउंटर पर कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं, इसकी सूची अस्पतालों में लगाई जाए। सीएमएस व एमएस हर दिन अस्पताल में राउंड लेकर मरीजों व तीमारदारों से समस्याएं पूछें और उसका त्वरित निस्तारण भी कराएं। अस्पतालों में जनरेटर व इंवर्टर चालू हाल में ही रहें।
आग से बचाव के इंतजामों को परखने के लिए समय-समय पर माकड्रिल की जाए। कार्यक्रम में उन्होंने संकाय के अधिकारियों द्वारा निर्मित हैंडबुक का अनावरण भी किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली सिंह व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय भी मौजूद रहीं।
बता दें कि इससे पूर्व भी डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के सीएमएस, एमएस के साथ ही सीएमओ को भी साफ सफाई का ध्यान रखने के निर्देश दिए थे। उन्होंने हर रोज मरीजों के बेड की चादर भी बदलने के निर्देश दिए थे। इसी के साथ अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली दवाओं के संबंध में भी सख्त निर्देश जारी किए थे।