Israel-Iran conflict के बाद बढ़ी मांग, यूपी से इजरायल भेजे जाएंगे 1383 श्रमिक; पहले भेजे जा चुके है 5978
उत्तर प्रदेश सरकार इजरायल में निर्माण कार्यों के लिए 1383 और श्रमिकों को भेजने की तैयारी कर रही है। इससे पहले 5978 श्रमिक भेजे जा चुके हैं। अन्य देशों से भी श्रमिकों की मांग आई है और सरकार रोजगार सृजन के लिए तत्पर है। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देने के लिए रोजगार मिशन चलाया जा रहा है जिससे प्रदेश को रेमिटेंस मिलने की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे रोजगार मिशन के तहत इजरायल में निर्माण कार्याें के लिए प्रदेश से 1,383 और श्रमिकों को भेजे जाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले 5,978 श्रमिकों को इजरायल भेजा गया था।
वहीं अन्य देशों विभिन्न क्षेत्रों के लिए पेशेवर और निर्माण श्रमिकों की मांग प्राप्त की है। जल्द ही अन्य देशों में भी इनको रोजगार दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
योगी सरकार ने रोजगार सृजन की बहुआयामी रणनीति अपनाई है। स्थानीय नौकरियों के अलावा युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देने के उद्देश्य से उप्र रोजगार मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत पहले निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजा गया था।
इजरायल-हमास संघर्ष के बाद यह मांग पैदा हुई थी। अब हाल ही में इजरायल का ईरान के साथ संघर्ष हुआ है। इस बीच और श्रमिकों को वहां भेजने की प्रक्रिया चल रही है। अनुमान लगाया गया है कि इजराइल भेजे गए श्रमिकों से प्रदेश को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का रेमिटेंस प्राप्त हो सकता है।
अब सरकार ने अभियान को और विस्तार देते हुए जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भी नर्स, केयर गिवर्स, ड्राइवर और निर्माण श्रमिकों की मांग प्राप्त की है। श्रम विभाग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है ताकि उत्तर प्रदेश के कुशल श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सम्मानजनक और बेहतर वेतनमान वाली नौकरियां मिल सकें।
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